परवाज अखिल राज्य ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी में शिक्षक आलोक श्रीवास्तव की रचना चयनित
अखिल राज्य ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी परवाज- 24 , रविवार 7 जनवरी को संपन्न हुई। जिसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय सुखसौरा मालसा कानपुर देहात से चयनित शिक्षक आलोक श्रीवास्तव ने अपनी रचना से प्रदेश स्तर पर कानपुर देहात का नाम रोशन किया है।

सुनीत श्रीवास्तव, पुखरायां। अखिल राज्य ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी परवाज- 24 , रविवार को संपन्न हुई। जिसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय सुखसौरा मालसा कानपुर देहात से चयनित शिक्षक आलोक श्रीवास्तव ने अपनी रचना से प्रदेश स्तर पर कानपुर देहात का नाम रोशन किया है। परवाज बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा आयोजित ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी है जिसमें समय-समय पर प्रदेश भर से रचनाएं आमंत्रित की जाती हैं, और चयनित रचनाकारों की ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी आयोजित की जाती है। जिसे यूट्यूब व फेसबुक पर लाइव दिखाया जाता है और रचना को छाप नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया जाता है।
इस काव्य संगोष्ठी में प्रदेश भर से कुल 11 रचनाओं को चयनित किया गया। जिसमें जनपद कानपुर देहात से शिक्षक आलोक श्रीवास्तव की रचना भी चयनित हुई। जो कि जनपद के लिए गौरव की बात है। इसके पूर्व भी परवाज की ऑनलाइन संगोष्ठी में शिक्षक आलोक श्रीवास्तव प्रतिभाग कर जनपद का मान बढ़ा चुके हैं। सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय अब्दुल मुबीन कार्यक्रम परवाज के संरक्षक हैं। मुख्य अतिथि के रूप में रवि शुक्ल (शायर) रेलवे मंडल बीकानेर, जो कि मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से सम्मानित हैं, उपस्थित रहे। परवाज टीम के रूप में आदिल मंसूरी, मृदुला शुक्ला, डॉ० रेणु देवी, अखिलेश पाण्डेय अखिल, जनार्दन नाचीज, शिवम सिंह व मंसूर अहमद उपस्थित रहे।
मां सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सर्वप्रथम लखनऊ से फारूक अहमद ने अपनी रचना प्रस्तुत की। इसी क्रम में प्रतापगढ़ से अर्चना सिंह, कन्नौज से सिद्ध शंकर मिश्र, फतेहपुर से सुश्री आशिया फारुकी, कानपुर नगर से डॉ० पवन मिश्रा, गोंडा से महेश चंद्र, अयोध्या से अर्चना द्विवेदी सहित कुल 11 शिक्षकों ने प्रतिभा किया। जिसमें मलासा के उच्च प्राथमिक विद्यालय सुखसौरा के शिक्षक आलोक श्रीवास्तव ने अपनी स्वरचित रचना शीर्षक हिंदी प्रस्तुत की।जब पढ़ना लिखना ना जाने तब हिंदी भाषा बोले थे, जब थोड़ा चलना सीखे थे तब हिंदी भाषा बोले थे।ने सभी का मन मोह लिया। राज्य स्तर पर रचना का चयन होने पर शिक्षक आलोक श्रीवास्तव को सभी शिक्षक साथियों ने बधाई दी।
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