Income Tax: चैरिटेबल ट्रस्ट और संस्थाओं को नए नियम का पालन करना अनिवार्य, अन्यथा देना होगा अर्थदंड
Income Tax अधिकांश चैरिटेबल ट्रस्ट और करमुक्त संस्थान अपने पंजीयन के बाद सिर्फ रुपये लेकर दान की रसीद जारी करने का ही कार्य करते रहते हैं। इससे जो लोग टैक्स को बचाना चाहते हैं वे इन संस्थाओं से रसीद हासल कर अपना टैक्स बचा लेते हैं।
कानपुर,अमन यात्रा । Income Tax सभी चैरिटेबल ट्रस्ट और करमुक्त संस्थानों को एक अप्रैल 2021 से करमुक्ति के लिए नया पंजीयन कराना होगा। इसके तहत उन्हें डोनेशन प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन जारी करना होगा।
अधिकांश चैरिटेबल ट्रस्ट और करमुक्त संस्थान अपने पंजीयन के बाद सिर्फ रुपये लेकर दान की रसीद जारी करने का ही कार्य करते रहते हैं। इससे जो लोग टैक्स को बचाना चाहते हैं, वे इन संस्थाओं से फर्जी तरीके से दान की रसीद हासल कर अपना टैक्स बचा लेते हैं। इन संस्थाओं की प्रक्रिया पर लगाम लगाने के लिए एक अप्रैल से सभी ट्रस्ट और करमुक्त संस्थाओं को नया पंजीयन कराना होगा। केंद्रीय बजट 2020 में इस नियम को प्रभावी किया गया था। एक जून 2020 से इसे लागू होना था लेकिन कोरोना के चलते यह टलता गया। अब एक अप्रैल 2021 से यह लागू होने जा रहा है। आयकर कानूनों में धारा 12एबी के तहत इसे लागू किया जा रहा है। संस्थाओं ने चाहे पहले से पंजीयन हासिल किया हो लेकिन उन्हें यह पंजीयन कराना ही होगा। अभी तक करमुक्ति के प्रार्थनापत्र को आयकर आयुक्त करमुक्ति के सामने पेश कना होता था लेकिन अब इसे प्रधान आयकर आयुक्त या आयकर आयुक्त के सामने पेश करना होगा।
इस नई प्रक्रिया के जरिए सभी चैरिटेबल ट्रस्ट व करमुक्त संस्थाओं का एक राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार किया जाएगा। इनके यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होंगे। यह अनुमोदन पांच वर्ष के लिए होगा। इसके बाद इसका नवीनीकरण कराना होगा। सभी चैरिटेबल ट्रस्टों को प्राप्त दान का हिसाब किताब रखना होगा। दानदाताओं को डोनेशन प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी करने होंगे। उन्हें ही आयकर विभाग मान्य करेगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर संस्थानों को अर्थदंड का भी सामना करना पड़ेगा।
इनका ये है कहना
ट्रस्ट व करमुक्त संस्थाओं को अपने नए पंजीयन करा लेने चाहिए क्योंकि अब इसके आधार पर ही उन्हें आगे कार्य करना होगा। – शिवम ओमर, चार्टर्ड अकाउंटेंड।