गोरे फ़ौजी

जन उपयोगी सुविधाओं की होती बदहाली से पात्र जनता परेशान, कर्मचारियों,अधिकारियों की मौज

ये कैसा सामाजिक न्याय है गरीब के लिए कुछ और,अमीर के लिए कुछ और ये कैसा कानूनी मापदण्ड हैं,जब संविधान…

2 years ago

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