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अधाधुंध निलंबन और बहाली के खेल को लेकर महानिदेशक की निगाह हुई टेढ़ी

निलंबित शिक्षकों के प्रकरण के निस्तारण में अब हीलाहवाली नहीं चलेगी। इसका समय से निस्तारण करना होगा। शासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बीएसए को निलंबित शिक्षकों के प्रकरण को पंद्रह दिन में जांच कर निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

Story Highlights
  • समस्त बीएसए को समीक्षा करके सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

राजेश कटियार, लखनऊ / कानपुर देहात। निलंबित शिक्षकों के प्रकरण के निस्तारण में अब हीलाहवाली नहीं चलेगी। इसका समय से निस्तारण करना होगा। शासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बीएसए को निलंबित शिक्षकों के प्रकरण को पंद्रह दिन में जांच कर निस्तारित करने का निर्देश दिया है। समीक्षा में निलंबित शिक्षकों के प्रकरण लंबित मिलने पर यह कदम उठाया गया है। यानी समय से ज्यादा निलंबन रखा तो संबंधित अधिकारी खुद कार्यवाही की जद में आएंगे।

जनपद में निलंबित शिक्षकों की संख्या पर नजर डाले तो यहां ऐसे शिक्षकों की संख्या केवल एक है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि निलंबन तब तक नहीं करना चाहिए जब तक कि सरकारी सेवक के विरुद्ध गंभीर आरोप न हों। कतिपय जनपदों में बिना किसी साक्ष्य या बिना गंभीर आरोपों के शिक्षकों को निलंबित किया गया है। निलंबन के बाद बिना किसी दंड (न तो दीर्घ दंड न ही लघु अधिरोपित किया गया है) के ही निलंबन से बहाल भी किया गया है। उक्त से यह प्रतीत होता है कि शिक्षकों को पर्याप्त आधार के बिना ही निलंबित किया जा रहा है अथवा निलंबन उपरांत शासनादेशों / निर्देशों का पालन किए बिना ही बहाल किया जा रहा है।

इससे धन उगाही का अंदेशा बना हुआ है। उक्त स्थिति कदापि उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय तक निलंबन या फिर जांच की कार्यवाही चलते रहना विभाग और शिक्षक दोनों के लिए अहितकर है। इससे जहां शिक्षकों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है वहीं विभाग भी शिक्षक की सेवाओं का लाभ नहीं ले पाता। निलंबन की समय सीमा तय है। इसके बाद निलंबन खत्म किया जाना चाहिए। निर्देश में उन्होंने कहा है कि निलंबन के सभी मामलों की जांच करते हुए 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट भेजी जाए। यदि किसी का भी निलंबन समय सीमा से ज्यादा है तो उसकी समीक्षा कर सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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