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स्थानीय शहीद पार्क में मॉर्निंग वाकिंग को गई महिला पर बंदरों ने किया हमला
शहर में अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही बंदरों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। आए दिन सुनने को मिलता है कि बंदरों ने अमुक व्यक्ति को काट लिया अथवा दौड़ा लिया।

विकाश सक्सेना,औरैया। शहर में अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही बंदरों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। आए दिन सुनने को मिलता है कि बंदरों ने अमुक व्यक्ति को काट लिया अथवा दौड़ा लिया। इसी के चलते लोग छत से गिरकर कालकलल्वित भी हो चुके हैं और अनगिनत लोग चुटहिल एवं जख्मी हुए हैं। इन बंदरों से शहर में बूढ़े बच्चे और जवान खौफजदा रहते हैं। बंदर कब किस पर हमला कर दें अथवा काट लें यह कहना बहुत ही दुश्वार है। इसी क्रम में शनिवार की सुबह अपने पति के साथ मॉर्निंग वॉक इनको गई एक महिला को बंदरों ने पकड़ लिया। जिससे वह भयभीत व असंतुलित होकर गिर पड़ी, जिससे उसका एक हाथ टूट गया। घायलावस्था में उसे स्थानीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया। महिला ने प्रशासन से बंदरों से निजात दिलाने के लिए अपील की है। देखना है कि प्रशासन क्या कार्रवाई अमल में लाता है?
शहर के मोहल्ला हलवाईखाना निवासी सुरभि वर्मा 52 वर्ष पत्नी मनोज कुमार वर्मा के साथ शनिवार की सुबह मॉर्निंग वाकिंग के लिए शहीद पार्क गई हुई थी, उसी समय उसे बंदरों ने पकड़ लिया। जिससे वह भयभीत एवं असंतुलित होकर जमीन पर गिर पड़ी, जिससे उसका एक हाथ टूट गया। घायलावस्था में उसे 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर रेफर कर दिया। महिला ने बताया कि वह सुबह मॉर्निंग वॉकिंग के लिए शहीद पार्क गई हुई थी, उसी समय उसे बंदरों ने पकड़ लिया और उसके कपड़े खींचने लगे। जिससे वह गिर पड़ी और हाथ टूट गया। महिला का कहना है कि शहीद पार्क ही नहीं शहर के विभिन्न मोहल्लों, सरकारी कार्यालयों एवं बाजारों में बंदरों का बहुत ही आतंक है। महिला ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा है कि इन आतंकी बंदरों से शहर वासियों को निजात दिलाया जाए। आपको बताते चलें कि विगत वर्ष शहर के एक मोहाल में राजमिस्त्री का काम कर रहे मोहल्ला बनारसीदास निवासी शिव कुमार दोहरे दूसरी मंजिल पर थे। उसी समय बंदरों ने उसे दौड़ा लिया था। जिससे वह छत से नीचे गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। शहर में बंदरों के आतंक से हर कोई परेशान और खौफजदा है। यह बंदर कब किस पर हमला बोल दें अथवा दांतों से काट कर जख्मी कर दें। कुछ कहा नहीं जा सकता है। बंदरों की आप्रत्याशित रूप से बढ़ रही संख्या को लेकर शहर के तमाम वरिष्ठ, गणमान्य, संभ्रांत एवं जागरूक लोगों ने इन बंदरों से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन से मांग की है। देखना है कि जिला प्रशासन इस ओर कब और क्या संज्ञान लेता है यह भविष्य के गर्त में है।
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