डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)
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सम्पादकीय
“शिव की विचित्रता में निहित सरलता”
ओढ़रदानी, महेश्वर, रुद्र का स्वरूप सभी देवताओं से विचित्र है, पर यदि आप शिवशंभू की वेश भूषा का विश्लेषण करेंगे…
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साहित्य जगत
“पिता : छोटा शब्द गूढ़ अभिव्यक्ति”
माँ से मिलती ममता। तो पिता से मिलती जीवन जीने की अनमोल क्षमता॥ माँ को कहते जीवन उद्धारक। तो…
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सम्पादकीय
“हृदय से पुकार : ईश प्राप्ति का मूल मंत्र”
हमेशा हमनें सुना है कि भगवान केवल भाव के भूखे होते है और भगवान भक्त के अधीन होते है और…
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कविता
मेहनतकश मजदूर की तस्वीर”
मजदूर की तस्वीर होती मेहनत और हौसलों की उड़ान से भरी। वैसे तो हर व्यक्ति की आवश्यकताओं की है अपनी-अपनी…
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साहित्य जगत
“किताबों से करें शब्दों की यात्रा”
प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। किताबों के मनन से तो हम उन्नति के सोपान को…
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सम्पादकीय
मेरा अस्तित्व और वजूद दूसरे तय न करें”
सदैव ही महिला को अनेक कसौटियों पर तौला जाता है। बेटी, बहू, माँ, सास, दादी, नानी इन सब किरदारों को…
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सम्पादकीय
“युद्ध शब्द का विश्लेषण”
कितना अनोखा शब्द है युद्ध जो शक्ति की प्रधानता की लड़ाई रचता है। अधर्म के तांडव का मैदान का गढ़ता…
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साहित्य जगत
“अलविदा स्वर साम्राज्ञी लताजी”
28 सितंबर 1929 को जन्मी स्वर कोकिला। जिनके सानिध्य में संगीत का आनंद सबको मिला॥ आपकी आवाज ने दी थी…
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