बिजली निजीकरण के विरोध में उतरे कर्मचारी, 23 जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन
बिजली निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 23 जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण की कोशिशों के खिलाफ विद्युत कर्मचारी लगातार दूसरे सप्ताह काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं।

कानपुर : बिजली निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 23 जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण की कोशिशों के खिलाफ विद्युत कर्मचारी लगातार दूसरे सप्ताह काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
- देशव्यापी प्रदर्शन: नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने उप्र और चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में 23 जनवरी को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है।
- काली पट्टी: उप्र में बिजली कर्मचारी लगातार दूसरे सप्ताह काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं।
- प्री बिडिंग कांफ्रेंस का विरोध: कर्मचारी निजीकरण हेतु होने वाली प्री बिडिंग कांफ्रेंस का विरोध कर रहे हैं और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
- चंडीगढ़ में भी विरोध: चंडीगढ़ में बिजली व्यवस्था निजी कंपनी द्वारा अधिग्रहीत किए जाने की योजना के विरोध में भी 31 जनवरी को प्रदर्शन किए जाएंगे।
विद्युत कर्मचारियों की मांग:
- बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द किया जाए।
- कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाए।
प्रदर्शन कहाँ हुए:
मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, जवाहरपुर, पनकी, ओबरा, पिपरी, अनपरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, झांसी, बांदा,आगरा, कानपुर सहित कई अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए।
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