लखनऊ: KGMU के डॉक्टरों ने रचा इतिहास, सर्जरी कर जन्म से ही आपस में जुड़े राम और श्याम को किया अलग
लखनऊ में के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद जुड़े हुए जुड़वा बच्चों को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है. केजीएमयू में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई है.

कुशीनगर निवासी प्रियंका ने नवंबर 2019 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. लेकिन, ये दोनों बच्चे शरीर से आपस में जुड़े हुए थे. राम और श्याम नाम के बच्चों की उम्र बढ़ने के साथ पालन पोषण में समस्या होने लगी. गोरखपुर में डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया तो दंपत्ति अपने बच्चों को KGMU के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में प्रोफेसर डॉ जेडी रावत के पास ले आईं.
कोरोना की वजह से सर्जरी में हुई देरी
कोरोना की वजह से इनकी सर्जरी में देरी हुई. आखिरकार 9 नवंबर को KGMU में डॉ जेडी रावत के नेतृत्व में लगभग 7 घंटे चली सर्जरी के बाद दोनों बच्चों को अलग किया गया. सर्जरी के बाद दोनों बच्चों को कई दिन वेंटीलेटर पर रख गया. अब दोनों बच्चे स्वस्थ हैं. डॉ जेडी रावत ने बताया कि बच्चे चेस्ट से नाभी के नीचे तक आपस में जुड़े थे. ऐसे में सीने की निचली हड्डी (स्टर्नम का लोअर हिस्सा) काटकर दोनों को अलग किया गया. दोनों में दिल अलग थे लेकिन उसे कवर करने वाली झिल्ली पेरिकार्डियम जुड़ी हुई थी जिसे अलग किया गया. लिवर एक था जिसे दोनों में बांटा गया.
आयुष्मान योजना के तहत किया गया ऑपरेशन
बच्चों के सफल ऑपरेशन के बाद इनके माता-पिता बेहद खुश हैं. खास बात ये भी कि इतना जटिल ऑपरेशन KGMU में आयुष्मान योजना के तहत किया गया है. ऐसे में परिवार पर आर्थिक बोझ भी नहीं आया. KGMU के कुलपति डॉ विपिन पुरी ने सर्जरी करने वाली टीम को सम्मानित किया. सर्जरी के दौरान पीडियाट्रिक सर्जन के साथ ही प्लास्टिक सर्जन, लिवर सर्जन, कार्डियक सर्जन भी शामिल रहे.
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