मोहम्मद ज़ुबैर

छोड़ दूँ क्या…..?

मिली असफलताएँ, हौसला तोड़ दूँ क्या? बहती उल्टी धारा, तैरना छोड़ दूँ क्या? नहीं होती हार, जो करता कोशिश बारम्बार, आख़िर चींटी चढ़ जाती लेकर भार, जूझना छोड़ दूँ क्या? मिली चुनौतियाँ, सपने तोड़ दूँ क्या? अब आ गए मझधार, रास्ता मोड़ दूँ क्या? मिली उसे मंज़िल, जिसने गिने मील के पत्थर हज़ार, आख़िर कछुआ कर गया पाला पार, चलना छोड़ दूँ क्या? मिली ज़िम्मेदारियाँ, नज़रें मोड़ दूँ क्या? बढ़ने लगा बोझ,…

2 years ago

धार्मिक आड़ से हिंसा दोहरा अपराध

धर्म को पवित्रता एवं  राज्य को क़ानूनी शासन बनाए रखने के लिए हिंसा के प्रति किसी एक का भी मौन…

2 years ago

मंदी और महंगाई का मिश्रित दौर

दोहरे संकट से निपटने के लिए देश अपने-अपने स्तर पर मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों में हेरफेर कर अपनी अर्थव्यवस्था को…

2 years ago

सौहार्द से समाधान

कोई एक मंदिर कोई एक मस्जिद हिंदुत्व या इस्लाम से बड़ी नहीं हो सकती। जारी ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा और…

2 years ago

वृद्धि हो ऐसी जो करे विकास

वर्तमान में जारी बहस- वृद्धि बनाम विकास। असहमति यह है कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए कौन सा मॉडल सटीक…

2 years ago

भाषा में भी आत्म निर्भर बने: भारत

हिंदीतर जैसे कि अंग्रेज़ी  के विरुद्ध जिहादी या कट्टर मानसिकता तो ठीक नहीं है लेकिन मातृभाषा यानी हिंदी या अपने…

2 years ago

जुड़ेगी अपराध से अपराधी की कड़ी

  संसद में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 पारित किया गया। यह क़ानून अपराधियों की पहचान में सटीकता को बढ़ाएगा।…

2 years ago

हिंदी का गणित

हर तारीख़ का अपना इतिहास और महत्व होता है। इसी प्रकार 10 जनवरी हिंदी प्रेमियों के लिए काफ़ी अहम है।प्रत्येक…

2 years ago

This website uses cookies.