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संविधान दिवस के अवसर पर सभी द्वारा उद्देशिका को याद कर ली गयी शपथ

20 नवंबर 1949 को हमारा संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ इसी उपलक्ष में संविधान दिवस मनाया जाता है ताकि इसकी उपयोगिता और महत्व से आज की पीढ़ियों को अवगत कराया जा सके इस संविधान निर्माण में निश्चित रूप से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान है.

अमन यात्रा, कानपुर देहात।  20 नवंबर 1949 को हमारा संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ इसी उपलक्ष में संविधान दिवस मनाया जाता है ताकि इसकी उपयोगिता और महत्व से आज की पीढ़ियों को अवगत कराया जा सके इस संविधान निर्माण में निश्चित रूप से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान है लेकिन इसके अलावा भी अन्य व्यक्तियों ने भी बहुत बड़ी भूमिका अदा की है जिसमें पहला नाम इस संविधान को अपने हाथ से लिखने वाले “प्रेम नारायण रायजादा” का स्मरण आता है जिन्होंने संविधान को हिंदी में अंग्रेजी में अपने हाथों से लिखा और लिखने के एवज में कोई मेहनताना भी नहीं लिया और कहा कि मेरी स्मृतियों को इसमें सजो कर रखा जाएगा यही मेरा देयक होगा। दूसरा योगदान जो इसमें चित्रकारी की गई है जिसको “नंदलाल बोस” द्वारा बनाया गया है इसके अलावा विभिन्न समितियों के अध्यक्षों द्वारा अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए इस संविधान की रचना की और इस संविधान की विशेषता रही है कि भारत को एक समावेशी एक संपूर्ण और एक लोकतांत्रिक रूप में बदलने की जो संविधान ने भूमिका अदा की है निश्चित रूप से सराहनीय है, प्रशंसनीय है।

 

ऐसे ही महान व्यक्तित्व के धनी व्यक्तियों को आज कलेक्ट्रेट परिसर में संविधान दिवस का  आयोजन जिलाधिकारी नेहा जैन की अध्यक्षता में किया गया। उन्होनें संविधान दिवस के संबंध में बताते हुए कहा कि आज का दिवस ‘संविधान दिवस’ के रूप में भी जाना जाता है, हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के फैसले को अधिसूचित किया। उन्होनें उपस्थित सभी को आज के इस दिन को पुनः याद कर संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन उन सभी विभूतियों का स्मरण दिलाती है, जिनके अथक प्रयासों व अभूतपूर्व योगदान देकर संविधान को बनाया। उन्होंने सभी को संविधान के अनुरूप चलने व उसकी रक्षा करने हेतु कार्य किये जाने पर जोर देते हुए सभी को उद्देशिका का पाठ व शपथ कराई कि “हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य, बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों कोः सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार,अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,

 

प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए,तथा उन सब में, व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता, सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिए दृढसंकल्प होकर अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।” इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) जे पी गुप्ता, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) केशव नाथ गुप्ता, मुख्य कोषाधिकारी के के पाण्डेय, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत पाण्डेय सहिय कलेक्ट्रेट के अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।

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Author: AMAN YATRA

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