उत्तरप्रदेशफ्रेश न्यूज

UP Panchayat Chunav: वॉर्डों के परिसीमन की लिस्ट निर्वाचन आयोग को सौंपी गई, कम होगी प्रधानों की संख्या

 परिसीमन के बाद वॉर्डों की संख्या घट गई है. इससे कई दावेदारों को दूसरे क्षेत्र से ग्राम पंचायत चुनाव लड़ना पड़ सकता है. ऐसे दावेदारों को या तो दूसरी ग्राम पंचायत या फिर नये सिरे से गठित होने वाली नई ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना पड़ेगा.

लखनऊ,अमन यात्रा : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की कवायद तेज हो गई है. राज्य के पंचायती राज्य विभाग ने पंचायत चुनाव के लिए वॉर्डों के परिसीमन (Delimitation) की लिस्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी है. बता दें, प्रदेश की 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों और 58194 ग्राम पंचायतों में अब नए परिसीमन के आधार पर चुनाव का फैसला लिया गया है.

दरअसल परिसीमन के बाद वॉर्डों की संख्या घट गई है. इससे कई दावेदारों को दूसरे क्षेत्र से ग्राम पंचायत चुनाव लड़ना पड़ सकता है. ऐसे दावेदारों को या तो दूसरी ग्राम पंचायत या फिर नये सिरे से गठित होने वाली नई ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना पड़ेगा.

यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 75 जिलों में परिसीमन के बाद साल 2015 की तुलना में जिला पंचायतों के 3120 वॉर्डों की संख्या घटकर 3051 रह गई है. पिछले पांच सालों में नगरीय निकायों के विस्तार के बाद से पंचायतों का दायरा कम हुआ. 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों में विलीन हो गई हैं. परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वॉर्डों की सूची जारी कर दी गई है.

प्रदेश में इस बार 59,074 की बजाय 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे.  ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या भी 12,745 कम हो गई है. इसी क्रम में 826 ब्लॉक प्रमुखों में 75,805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. यह वर्ष 2015 की तुलना में 1,996 कम होंगे. पंचायतीराज निदेशक के मुताबिक परिसीमन के बाद वर्ष 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वार्ड 7,44,558 से घटकर 7,31,813 रह गए हैं. इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य भी 77,801 से कम होकर 75,805 हों गए हैं.

पंचायती राज अधिकारी के मुताबिक जिला पंचायत सदस्य भी 3120 की बजाए 3051 ही चुने जाएंगे. प्रदेश के 36 जिले ऐसे भी हैं, जहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ. जबकि तीन जिलों में वर्ष 2015 से अधिक सदस्य चुने जाएंगे. इसमें गोंडा में 51 की बजाय 65, मुरादाबाद में 34 की बजाय 39 और संभल में 27 की बजाय 35 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार प्रत्याशियों से जमा कराई जाने वाली जमानत राशि और चुनावी खर्च की सीमा को नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. इस बार भी चुनाव खर्च की सीमा पिछले पंचायत चुनाव के बराबर होगी

इतनी होगी जमानत राशि (Security Deposit or Jamanat Rashi)

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए खर्च की सीमा और जमानत राशि इस प्रकार तय की है.
ग्राम पंचायत सदस्य के लिए जमानत राशि – 500 रुपये
क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए जमानत राशि- 2000 रुपये
जिला पंचायत के लिए जमानत राशि- 4000 रुपये
प्रधान पद के लिए जमानत राशि – 2000 रुपये

प्रधान के प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा

राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग और महिला प्रत्याशी के लिए जमानत की राशि आधी होगी. इसके अलावा आयोग ने चुनाव में खर्च होने वाली राशि की सीमा भी तय कर दी है. इसके तहत ग्राम पंचायत सदस्य 10 हजार रुपये, क्षेत्र पंचायत सदस्य 75 हजार रुपये, जिला पंचायत सदस्य डेढ़ लाख रुपये और प्रधान पद के प्रत्याशी 75 हजार रुपये तक खर्च कर सकेंगे. प्रत्याशियों द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद से ये खर्च जोड़े जाएंगे.

आरक्षण को लेकर यह है रणनीति
इस बार आरक्षण को लेकर पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था होने वाली है. इसी के तहत शासन ने पिछले पांच चुनावों का विवरण मंगाया है. अमूमन जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित हुई उसके अगले चुनाव में उसे छोड़, दूसरे वर्ग को वह सीट मिलनी चाहिए लेकिन, कई बार राजनीतिक एवं स्थानीय दबाव में एक वर्ग को ही सीटें आरक्षित हो जाती हैं. इस वजह से चुनाव के बाद तक विवाद बना रहता है. पिछले चुनावों में हुए विवादों से सीख लेते हुए पंचायती राज महकमा अब पारदर्शी व्यवस्था तैयार करने की कवायद में जुटा है.

 

 

Print Friendly, PDF & Email
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

AD
Back to top button