धनतेरस पर बाजारों में धनवर्षा, लोगों ने जमकर की खरीदारी; जानें- कितने का हुआ कारोबार
आखिरकार कोरोना काल में छाया मंदी का बादल इस बार त्योहारी सीजन में पूरी तरह से छंटता नजर आया। ग्राहकों की भीड़ से बाजार खिल उठा। कारोबारी पूरी तरह उत्साहित दिखे। धनतेरस पर्व पर शहर के बाजारों में बूम नजर आया। दुकानों में देर रात तक कारोबार का सिलसिला जारी रहा। सराफा, बर्तन, इलेक्ट्रानिक, कपड़ा, मोबाइल आदि सेक्टरों के शोरूम ग्राहकों से पटे रहे।

लखनऊ, अमन यात्रा । आखिरकार कोरोना काल में छाया मंदी का बादल इस बार त्योहारी सीजन में पूरी तरह से छंटता नजर आया। ग्राहकों की भीड़ से बाजार खिल उठा। कारोबारी पूरी तरह उत्साहित दिखे। धनतेरस पर्व पर शहर के बाजारों में बूम नजर आया। दुकानों में देर रात तक कारोबार का सिलसिला जारी रहा। सराफा, बर्तन, इलेक्ट्रानिक, कपड़ा, मोबाइल आदि सेक्टरों के शोरूम ग्राहकों से पटे रहे। ग्रीन पटाखों के खरीदारों से पटाखा बाजार रात में भी गुलजार रहा। हालांकि, आटोमोबाइल सेक्टर में वाहनों की कमी से बाजार में नरम रहा। चार पहिया वाहनों की चार से छह माह की एडवांस बुकिंग कराते नजर आए। व्यापारियों के मुताबिक धनतेरस पर करीब 1,905 करोड़ के कारोबार का अनुमान है।
500 करोड़ का रहा सर्राफा बाजारः लखनऊ सर्राफा बाजार करीब साढ़े चार सौ करोड़ का रहा। शाम चार बजे के बाद सोने एवं चांदी के सिक्कों के अलावा गिन्नी की उपलब्धता खत्म हो गई थी। बाद इसे पूरा किया गया। लखनऊ सर्राफा के संगठन मंत्री आदीश जैन एवं मंत्री विनोद महेश्वरी के मुताबिक जिले की तीन हजार दुकानों से बिक्री हुई। कोरोना काल के बाद लंबे समय बाद लोगों को खरीदारी का मौका मिला है। लोगों ने देर रात तक खरीदारी की। इनमें ब्रांडेड करीब 250 करोड़ का और अनब्रांडेड 200 करोड़ के आसपास रहा।
ऑनलाइन के नुकसान के बाद भी मोबाइल बाजार में रही भीड़ः शहर के श्रीराम टावर समेत सभी प्रमुख मोबाइल बाजारों में जबरदस्त भीड़ नजर आई। करीब 20 से 25 करोड़ का कारोबार रहा। ऑल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन एमरा के प्रदेश अध्यक्ष नीरज जौहर ने बताया कि इस त्योहार बाजार बेहतर रहा।
वाहन की कमी, कराई बुकिंग, गाड़ियों के शौकीनों को नहीं मिल पाए मनमाने ब्रांडः खरीदारों की वाहनों के शोरूम पर भीड़ के बाद भी इस बार ऑटोमोबाइल सेक्टर के लोग निराश हुए। धनतेरस पर दोपहिया वाहनों की बिक्री जारी रही लेकिन चार पहिया वाहन की कमी रही। सभी नामी-गिरामी ब्रांड की गाडिय़ां शोरूम से नदारद थीं। वाहनों की बुकिंग कराई गई। आज 205 कारें और 390 दो पहिया वाहन मिलाकर करीब 595 वाहन बिके हैं।
इलेक्ट्रानिक, सजावटी झालर, फर्नीचरः दीपावली पर्व पर इस बार देशी झालरों ने करीब साठ फीसद बाजार पर कब्जा रहा। झालर ही नहीं देशी सजावटी आइटम भी खूब पसंद किए गए। इलेक्ट्रानिक सेक्टर में वाङ्क्षशग मशीन, टीवी, फ्रिज, एलईडी, फर्नीचर समेत सभी उत्पादों की बिक्री तकरीबन 600 करोड़ के आसपास रही।
60 से 70 करोड़ का रहा कपड़ा-रेडीमेडः सहालग और त्योहारी सीजन का जबरदस्त फायदा कपड़ा और रेडीमेड बाजार को मिला। उत्तर प्रदेश कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी, साड़ी कारोबारी उत्तम कपूर और प्रभू जालान की मानें तो अब तक कपड़ा और रेडीमेड गारमेंटस का कारोबार आसानी से 60 से 70 करोड़ का रहा।
बर्तन बाजार में रात तक दिखे खरीदारः धनतेरस पर यहियागंज, अमीनाबाद, गोमतीनगर, कूपरथला, महानगर, तेलीबाग, आशियाना, आलमबाग आदि प्रमुख बाजारों में लोगों ने जमकर खरीदारी की। लखनऊ मेटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि करीब 100 करोड़ का कारोबार बर्तन बाजार का रहा।
मिष्ठान और ड्राइफ्रूट का कारोबार रहा दो सौ करोड़ काः मिठाई की दुकानों पर भी देर रात ग्राहकों का तांता लगा रहा। कारोबारी रवींद्र गुप्ता ने बताया कि एक्जाटिका खूब पसंद की गई। न केवल शहर बल्कि प्रदेश और देश एवं विदेश भी बड़ी संख्या में लोगों ने इसका स्वाद लिया। सुभाष मार्ग के ड्राई फ्रूट के थोक व्यापारी विनोद अग्रवाल और अमित अग्रवाल के मुताबिक ड्राई फ्रूट का कारोबार 100 करोड़ और मिष्ठान भी सौ करोड़ का रहा।
आंकड़ा रुपये में
- वाहन 400 करोड़
- सराफा ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड, डायमंड, नेकलेस, गिन्नी, चांदी के सिक्के आदि-450 करोड़
- इलेक्ट्रॉनिक्स, सजावटी लाइट, झालर, टीवी, फ्रिज, वाङ्क्षशग मशीन, फर्नीचर-600 करोड़
- बर्तन-100 करोड़
- मोबाइल-25 करोड़
- कपड़ा-80 करोड़
- मिष्ठान एवं ड्राइफ्रूट व अन्य नमकीन-200 करोड़
- पटाखा- 50 करोड़
- नोट – सभी आंकड़े व्यापारियों से बातचीत पर आधारित है
- महंगी गाडिय़ों में बीएमडब्ल्यू 1.65 करोड़ और 83.33 लाख की रेंज रोवर बिकी है।
- महानगर में करीब 30 लाख का हार बिका है।
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