कानपुर

बेटियों को उनके हक ‘तरका’ से न करें वंचित, अन्यथा होंगे गुनहगार, जानें- इस शब्द का आशय

उलमा ने कहा कि बेटियों को उके हक से वंचित करने वाले गुनहगार होंगे। गुनाह से बचने के लिए बेटियों को उनका हक जरूर देना चाहिए। बेटियों को उनका हक देकर उन पर कोई एहसान नहीं किया जा रहा है। लोगों को तरका के लिए जागरूक किया जा रहा है।

कानपुर, अमन यात्रा। बरकाती मस्जिद रेलबाजार में जश्न-ए-गरीब नवाज जलसे को आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मौलाना हाशिम अशरफी ने लोगों को संबोधित किया। तरका को परिभाषित करते हुए वे बोले कि इसका मतलब है कि बेटियाें को भी पिता की संपत्ति में समान हिस्सा मिले। इससे बेटियों को अलग न करें, क्योंकि ये उनका हक है। उन्होंने मस्जिदों के इमामों व उलमा से अपील की कि वे जुमा की नमाज से पहले तकरीर में जलसों व महफिलों में तरका के लिए लोगों को जागरूक करें। अगर बेटियों का उनका हक तरका दिया जाए तो दहेज की मांग व ससुराल में उन पर जुल्म भी खत्म हो जाएगा।

उलमा ने कहा कि बेटियों को उके हक से वंचित करने वाले गुनहगार होंगे। गुनाह से बचने के लिए बेटियों को उनका हक जरूर देना चाहिए। बेटियों को उनका हक देकर उन पर कोई एहसान नहीं किया जा रहा है। जलसे में मौलाना अब्दुल रहीम, मौलाना मोहम्मद आकिल, मौलाना मोहम्मद यूसुफ आदि रहे। बता दें कि दैनिक जागरण ने तरका यानी पिता की संपत्ति में बेटियों को अधिकार को लेकर पहले भी पाठकों को जागरूक करता रहा है। दारुल कजा से बेटियों के पक्ष में फतवे दिए गए थे। महिलाओं ने भी इसे अच्छा कदम बताया था। बेटियों को उनका हक दिलाने के लिए अब अन्य उलमा भी  आगे आने लगे हैं। इसके लिए मुहिम शुरू की गई है। लोगों को तरका के लिए जागरूक किया जा रहा है। उनको शरीयत में बेटियों को  दिए गए हक की जानकारी दी जा रही है।

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Author: aman yatra


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