लेखाकार, सहायक लेखाकार एवं कंप्यूटर ऑपरेटर को नहीं दिया जा रहा है बढ़ा हुआ मानदेय
राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० लखनऊ के कार्यालय ज्ञाप पत्रांक वेतन विसंगति/6014/2019-20 दिनांक-17 फरवरी 2020 द्वारा सर्व शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत मण्डल एवं जनपदीय कार्यालयों / ब्लॉक स्तर पर सीधी संविदा एवं सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत समस्त कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोत्तरी हेतु दरें निर्धारित की गईं थीं और भुगतान के निर्देश प्रदान किये गये थे।
- बेसिक शिक्षा विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण
- भ्रष्टाचार, विभागीय निर्देशों एवं वित्तीय नियमों का हो रहा है खुला उल्लंधन
कानपुर देहात,अमन यात्रा : राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० लखनऊ के कार्यालय ज्ञाप पत्रांक वेतन विसंगति/6014/2019-20 दिनांक-17 फरवरी 2020 द्वारा सर्व शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत मण्डल एवं जनपदीय कार्यालयों / ब्लॉक स्तर पर सीधी संविदा एवं सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत समस्त कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोत्तरी हेतु दरें निर्धारित की गईं थीं और भुगतान के निर्देश प्रदान किये गये थे। बढ़े हुए मानदेय के अनुसार विभाग को ग्रांट भी प्राप्त हो रही है उसके बावजूद विभागीय उच्चाधिकारी के आदेशों एंव निर्देशों का उल्लंधन करते हुए करीब ढाई वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी जनपद स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को अभी तक बढ़ा हुआ मानदेय न देकर अल्प मानदेय दिया जा रहा है। बीएसए एवं बीआरसी कार्यालयों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान एवं शोषण किया जा रहा है। प्रत्येक कर्मचारी को 1500 से 2500 रूपये तक प्रतिमाह कम मानदेय मिल रहा है इससे कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो रहा है। निर्धारित मानदेय से काफी कम मानदेय प्राप्त होने से ये कर्मचारी पूर्ण मनोयोग से कार्य भी नही कर पा रहे हैं।
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बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में सेवा प्रदाता कंपनी के जरिए कंप्यूटर ऑपरेटर और लेखाकार, सहायक लेखाकार की नौकरी करने वाले ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर एक-एक कंप्यूटर ऑपरेटर और सहायक लेखाकार की नियुक्ति की गई है जबकि बीएसए कार्यालय में एक लेखाकार, एक सहायक लेखाकार एवं एक कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है शासनादेश के अनुसार लेखाकार को 18560 रूपये मिलने चाहिए जबकि उसे 16000 रूपये मानदेय दिया जा रहा है। इसी तरह सहायक लेखाकार को 11600 रूपये मिलने चाहिए जबकि उसे 10000 रूपये दिए जा रहे हैं। इसी के साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर को 11200 रूपये मिलने चाहिए जबकि उसे मात्र 9500 रूपये का भुगतान किया जा रहा है। आखिरकार यह अतिरिक्त धनराशि किसके खाते में जा रही है यह एक विचारणीय विषय बना हुआ है।
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नाम न छापने की शर्त पर संविदा कर्मचारियों ने बताया कि कार्यालय ज्ञाप पत्रांक: वेतन विसंगति/6014/ 2019-20 दिनांक -17 फरवरी 2020 निर्गत होने के बाद से अब तक विभाग एवं सेवा प्रदाता संस्थाओं का नवीनीकरण एवं अनुबन्ध पत्र पर हस्ताक्षर न होने के कारण बढ़ा मानदेय न देकर पहले से निर्धारित काफी कम मानदेय दिया जा रहा है। बिना अनुबन्ध एवं बिना नवीनीकरण के आउटसोर्सिंग कार्मिकों को मानदेय निर्गत करना एवं उनसे कार्य लेना गम्भीर वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है, साथ ही कार्मिकों से कार्य लेकर उन्हें निर्धारित मानदेय न दिया जाना आर्थिक शोषण की श्रेणी में आता है।
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विडम्बना है सर्व शिक्षा अभियान कानपुर देहात कार्यालय में 3-3 वित्त विशेषज्ञ, वित्त एवं लेखाधिकारी, लेखाकार एवं सहायक लेखाकार के कार्यरत रहते हुए इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता अधिकारियों एवं कर्मचारियों की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। देखना यह है कि अब भी सक्षम अधिकारी इसका संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करते हुए वित्तीय नियमों के अनुसार कार्मिको को बढ़ा हुआ मानदेय दिलाते हैं या इसी भ्रष्ट परंपरा को चालू रखते हैं।