नीट परीक्षा को लेकर सरकार मौन क्यों, क्या सरकार की मिली भगत से हुआ नीट स्कैम
नीट यूजी परीक्षा 2024 का परिणाम सामने आने के बाद मेडिकल फील्ड में खलबली मची हुई है। छात्रों ने रिजल्ट को लेकर एनटीए के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जिनके जवाब देने में एनटीए के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।इस परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा विरोध दर्ज कराया जा रहा है। सैकड़ों याचिकाएं हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में पड़ चुकी हैं। देश भर के स्टूडेंट नीट स्कैम की बात कह रहे हैं। वहीं सरकार इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार की मिली भगत से ही इतना बड़ा स्कैम हुआ है

कानपुर देहात। नीट यूजी परीक्षा 2024 का परिणाम सामने आने के बाद मेडिकल फील्ड में खलबली मची हुई है। छात्रों ने रिजल्ट को लेकर एनटीए के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जिनके जवाब देने में एनटीए के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।इस परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा विरोध दर्ज कराया जा रहा है। सैकड़ों याचिकाएं हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में पड़ चुकी हैं। देश भर के स्टूडेंट नीट स्कैम की बात कह रहे हैं। वहीं सरकार इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार की मिली भगत से ही इतना बड़ा स्कैम हुआ है। एक कोचिंग के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी-एनटीए माने या न माने पेपर में चीटिंग हुई है और यह क्लियर है। एनटीए ने बहुत से स्टूडेंट्स के साथ अन्याय किया है। इसके खिलाफ स्टूडेंट्स के साथ मिलकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
नीट स्कैम बना बहुत बड़ा मुद्दा-
नीट का रिजल्ट देश के युवाओं का बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है फिर से एग्जामिनेशन से लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को बंद करने की मांग देशभर में जोरदार तरीके से उठ रही है। नीट रिजल्ट 2024 में कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं जिसके जवाब स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स सरकार से मांग रहे हैं। इस प्री-मेडिकल एग्जामिनेशन में ऑल इंडिया रैंक पर 67 स्टूडेंट्स, एक ही सेंटर के 6 टॉपर स्टूडेंट्स, 1563 को ग्रेस मार्क्स और इससे पहले बिहार, गुजरात में नीट पेपर लीक जैसे कई तथ्यों पर बात करते हुए स्टूडेंट्स ने एनटीए पर भी कई सवाल उठाए हैं। कानपुर के स्टूडेंट हर्ष दूबे भी अपनी रैंक और नीट रिजल्ट से नाखुश हैं। उनके मार्क्स 627/720 आए। मगर रैंक 50 हजार के आसपास। हर्ष कहते हैं यह शॉकिंग था क्योंकि इतने मार्क्स में 6 से 8 हजार के बीच रैंक आती है पिछले साल मेरे 100 नंबर कम थे फिर भी यही रैंक थी। पहले लगा कटऑफ ऊंची गई है।
मगर बाद में पता चला कि 67 टॉपर्स हैं फिर कई स्टूडेंट्स बताने लगे कि मार्क्स 718, 719 आए हैं जबकि ये नीट की मैथमेटिकल कैलकुलेशन में फिट नहीं बैठता क्योंकि यहां एक सही जवाब के लिए 4 नंबर मिलते हैं और एक गलत जवाब के लिए 1 नंबर कट जाता है। फिर जब कई प्रदर्शन हुए तो एनटीए ने ग्रेस मार्क्स की बात कही जबकि ग्रेस मार्क्स वाला नियम 2018 में क्लैट एग्जाम के लिए बना था जो नीट या जेइई में लागू नहीं हो सकता। यह कैसा सिस्टम है, क्या तैयारी है ? फिर से नीट होना चाहिए। हां हमें दिक्कत होगी। मगर नहीं हुआ, तब भी तनाव रहेगा। कई स्टूडेंट्स का साल बर्बाद होगा। इस रिजल्ट से पढ़ने वाले होनहार बच्चे पीछे हो गए हैं और कमजोर बच्चे आगे।
ओएमआर में नंबर कुछ, रिजल्ट में कुछ-
कई स्टूडेंट्स ने ओएमआर शीट में अलग नंबर और रिजल्ट में अलग नंबर होने की भी बात की है। कानपुर के ही एक स्टूडेंट कहते हैं, मेरा नीट रिजल्ट में ओएमआर शीट के हिसाब से 610 नंबर हैं। मगर जो रिजल्ट मिला है, उसमें 600 हैं। एनटीए को मेल किया है मगर जवाब नहीं मिला।
स्टूडेंट्स रिजल्ट को बिना सूचना दिए जल्द जारी करने के मामले में भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि नीट रिजल्ट 14 जून की जगह अचानक से 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के दिन निकाला गया क्योंकि इस रिजल्ट को लेकर हल्ला हो सकता है। यह एनटीए को पता था। कानपुर देहात की एक स्टूडेंट कहती हैं कि यह साफ है कि धांधली हुई है। बिहार में पेपर लीक से एनटीए इनकार कर रहा है जबकि 12-13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अगर पेपर लीक नहीं था तो गिरफ्तारी क्यों ? एनटीए ने ग्रेस मार्क्स की बात पहले एक सेंटर के लिए कही फिर चार राज्यों की इससे धांधली साफ दिखाई पड़ती है।
स्टूडेंट्स की फिक्र सरकार को क्यों नहीं है-
नीट की तैयारी कर रहे यश स्वरूप कहते हैं कि मैं इसके लिए क्लास 10 से तैयारी कर रहा हूं। मेरा परिवार 2 करोड़ की फीस नहीं दे सकता इसलिए अभी से रोज 4-5 घंटे इसके लिए पढ़ाई करता हूं। मगर अब डर लग रहा है। जिस हिसाब से एनटीए एग्जाम करवा रहा है। आत्महत्याओं की खबरें भी आ रही हैं, कई बार लगता है कि डॉक्टर बनने का सपना छोड़ देना चाहिए। एक ओर जहां जेईई एडवांस्ड 2024 रिजल्ट 9 जून को जारी हुआ जिसमें वेद लाहोटी ने 360 में से 355 अंक लाकर आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम में टॉप किया और लड़कियों में द्विजा धर्मेशकुमार पटेल ने 360 में से 332 अंक लाकर टॉप किया है। उनमें किसी भी बच्चे के शत प्रतिशत अंक नहीं आए हैं वहीं दूसरी ओर इंडिया की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में 67 बच्चों ने शत प्रतिशत अंकों के साथ टॉप किया है जोकि संभव ही नहीं है। सरकार भी मूक बधिर बनी हुई है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा माफिया और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से ही नीट स्कैम हुआ है।
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