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एनपीएस का शिक्षक कर रहे विरोध वही शासन सख्त !

परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में आना ही होगा। शिक्षकों को एनपीएस में शामिल करने के लिए शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी के इस निर्देश के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने सख्ती शुरू कर दी है।

Story Highlights
  • एनपीएस को शिक्षक बता रहे स्वैच्छिक प्लान जबकि सरकार ने कर रखा है अनिवार्य
  • केंद्र अपने सभी कार्मिकों की कर रही है एनपीएस कटौती, प्रदेश सरकार अब दिखा रही है सख्ती 
अमन यात्रा, कानपुर देहात :  परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में आना ही होगा। शिक्षकों को एनपीएस में शामिल करने के लिए शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी के इस निर्देश के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने सख्ती शुरू कर दी है। अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर दी गई थी। उनके लिए न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) लागू  की गई है जिसका शिक्षक व कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि एनपीएस स्वैच्छिक है जबकि राज्य सरकार का कहना है कि एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त राज्य सरकार के समस्त कार्मिकों के लिए प्रान पंजीकरण अनिवार्य है। जो प्रान पंजीकरण नहीं कराएंगे उनके वेतन आहरण पर रोक लगा दी जाएगी।
शिक्षक के वेतन से दस फीसदी की कटौती एनपीएस में होती है। इसमें शासन भी अपना अंशदान देती है लेकिन अंशदान उन्हीं को मिलता है जिनकी कटौती हो रही है। एनपीएस विरोध के कारण कुछ शिक्षकों ने एनपीएस की कटौती ही नहीं कराई। अब शासन ने सख्त रुख अपनाया है।वित्त एवं लेखाधिकारी व बीएसए को शिक्षकों के एनपीएस कटौती कराने के निर्देश दिए हैं। विभाग के अधिकारियों को शिक्षकों से एनपीएस का आवेदन कराकर कटौती शुरू कराया जाना है। इसके लिए वित्त एवं लेखाधिकारी द्वारा खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
एक ओर पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए हर स्तर पर ज्ञापन और प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच एनपीएस की कटौती शत प्रतिशत शिक्षकों की कराने के निर्देश से विभाग में रार बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। शिक्षक संगठनों का पूरा जोर है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि शासन से एनपीएस कटौती कराए जाने के निर्देश मिले हैं। जिसके तहत प्रक्रिया की जा रही है। शिक्षकों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है। एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को प्रान पंजीकरण करवाना होगा अन्यथा की स्थिति में उनके वेतन आहरण पर रोक लगा दी जाएगी।
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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