ऐतिहासिक रंग का ठेला में शामिल होने के लिए युवाओं में जुनून देखने को मिला हर कोई पारंपारिक पगड़ी लगाकर इस उत्साह का सहभागी बना। शहर के विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा और रंग गुलाल लगाकर हटिया होली मेला में शामिल लोगों का स्वागत किया गया। जनरल गंज के कई स्थानों पर हिंदू-मुस्लिम सौहार्द देखने को मिला जब हटिया होली मेला में शामिल युवाओं को मुस्लिम भाइयों ने गुजिया खिलाकर गंगा मेला की शुभकामनाएं दी। डीजे की धुन पर मेले में शामिल हुआ नाचते गाते हुए चलते रहे। शाम को सरसैया घाट पर प्रशासन ने धाॢमक सामाजिक और विभिन्न संगठनों की ओर से होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल होकर एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देंगे।

संरक्षक मूलचंद्र सेठ ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस से पहले शहरवासियों की ओर से होली खेलकर आजादी का जश्न मनाया गया था। वर्ष 1942 में तत्कालीन अंग्रेज कलेक्टर ने होली पर रोक लगा दी थी। जिसका विरोध करते हुए शहरवासियों ने हटिया पार्क में होली खेली थी। इसमें 43 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिन्हेंं अनुराधा नक्षत्र वाले दिन रिहाई मिली थी। इसलिए अनुराधा नक्षत्र को रंग का ठेला शहर के विभिन्न मार्ग से निकालकर आजादी व भाईचारे का संदेश दिया जाता है।

ऐतिहासिक रंग का ठेला आज भी भैंसा ठेला पर निकाल जाता है। इसमें बड़े-बड़े रंग के ड्रम में भरे रंग से शहरवासी होली खेलते हैं। आजादी के गीतों व देशभक्ति के तरानों के बीच भाईचारे व एकता की मिशाल देखने को मिलती। जब हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे को गुझिया खिलाकर एकता का संदेश देते हैं।