संरक्षक मूलचंद्र सेठ ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस से पहले शहरवासियों की ओर से होली खेलकर आजादी का जश्न मनाया गया था। वर्ष 1942 में तत्कालीन अंग्रेज कलेक्टर ने होली पर रोक लगा दी थी। जिसका विरोध करते हुए शहरवासियों ने हटिया पार्क में होली खेली थी। इसमें 43 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिन्हेंं अनुराधा नक्षत्र वाले दिन रिहाई मिली थी। इसलिए अनुराधा नक्षत्र को रंग का ठेला शहर के विभिन्न मार्ग से निकालकर आजादी व भाईचारे का संदेश दिया जाता है।
ऐतिहासिक रंग का ठेला आज भी भैंसा ठेला पर निकाल जाता है। इसमें बड़े-बड़े रंग के ड्रम में भरे रंग से शहरवासी होली खेलते हैं। आजादी के गीतों व देशभक्ति के तरानों के बीच भाईचारे व एकता की मिशाल देखने को मिलती। जब हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे को गुझिया खिलाकर एकता का संदेश देते हैं।