खिलौना बने विद्यालयों में दिए गए टैबलेट
जिले के 1925 परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए दिए गए टैबलेट बिना सिम कार्ड खिलौना बनकर रह गए हैं। शासन का निर्देश हैं कि विद्यालयों में शिक्षक अपना निजी सिमकार्ड और ईमेल का प्रयोग कर इसका संचालन करें लेकिन शिक्षक इसे निजता का हनन बताते हुए आंदोलनरत हैं
कानपुर देहात। जिले के 1925 परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए दिए गए टैबलेट बिना सिम कार्ड खिलौना बनकर रह गए हैं। शासन का निर्देश हैं कि विद्यालयों में शिक्षक अपना निजी सिमकार्ड और ईमेल का प्रयोग कर इसका संचालन करें लेकिन शिक्षक इसे निजता का हनन बताते हुए आंदोलनरत हैं। स्थिति यह है कि नए शिक्षा सत्र के 19 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक जिले में विद्यालयों के रजिस्टर डिजिटल तौर पर नहीं भरे जा रहे हैं। शिक्षा सत्र 2023-24 में जिले के समस्त विद्यालयों में शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर, छात्र उपस्थिति रजिस्टर और मध्यान्ह भोजन रजिस्टर को ऑनलाइन करने के उद्देश्य से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिले में प्रत्येक स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं वरिष्ठ सहायक अध्यापक को टैबलेट वितरित किए थे। योजना थी कि इस टैबलेट से छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी भरी जाएगी।
योजना का उद्देश्य था कि इस आधुनिक तकनीकी से विद्यालयों में शिक्षकों के अलावा छात्रों की उपस्थिति का भी सही आंकड़ा सामने आएगा। साथ ही मध्यान्ह भोजन में उपस्थिति को लेकर आए दिन होने वाली शिकायतों पर भी रोक लगेगी लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते जिले में ऑनलाइन हाजिरी नहीं लग पा रही है। स्थिति यह है कि जनपद में एक प्रतिशत को छोड़कर किसी भी शिक्षक ने इसे नहीं अपनाया है। जिलाध्यक्ष पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि टैबलेट में निजी सिम के प्रयोग के लिए विभाग बाध्य नहीं कर सकता। शिक्षक डिजिटलीकरण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन विभाग उन्हे सीयूजी नंबर उपलब्ध कराए। जब तक ऐसा नहीं होगा संगठन इसका विरोध करेगा। जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि सरकारी टैबलेट में निजी सिम के प्रयोग का आदेश हमारी निजता का उल्लघंन है। शिक्षक अपना सिम और आईडी क्यों दें अगर कोई साइबर ठगी हो जाए तो विभाग जिम्मेदारी लेगा क्या? संगठन ऐसे आदेश का विरोध करता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी भरवाने को लेकर उच्च स्तर से लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। जिसके क्रम में खंड शिक्षा अधिकारियों को भी इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। अगर जल्द ही आदेश का पालन नहीं किया गया है तो संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।