सपा संरक्षक मुलायम सिंह के कार्यों को स्मरण कर दी जानकारी
समाजवादी पार्टी के संस्थापक/संरक्षक का राजनीतिक सफर बहुत ही संघर्ष भरा रहा। औरैया से उनका हमेशा अटूट रिश्ता रहा जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। राजनीति के पुरोधा मुलायम सिंह स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं। उनकी कथनी-करनी में कभी भी कोई फर्क नहीं रहा।
- कथनी करनी में फर्क नहीं बताते हुए सन् 1970 से अब तक के कार्यों का दिया हवाला
- क्षेत्र के ग्राम बमुरीपुर में नौ पंचवर्षीय प्रधान रहे अशर्फीलाल के यहां था आना-जाना
औरैया,अमन यात्रा । समाजवादी पार्टी के संस्थापक/संरक्षक का राजनीतिक सफर बहुत ही संघर्ष भरा रहा। औरैया से उनका हमेशा अटूट रिश्ता रहा जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। राजनीति के पुरोधा मुलायम सिंह स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं। उनकी कथनी-करनी में कभी भी कोई फर्क नहीं रहा। वह अपने चिर-परिचितो के साथ हमेशा सम दृष्टि की भावना से मिलते जुलते है। उनके व्यवहार और बर्ताव से हर कोई कायल रहा है। वह अपने पुराने साथियों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करते हैं। विपक्षियों के षडयंत्ररूपी चक्रव्यूह को तोड़कर हरदम आगे निकलते रहे। विकासखंड औरैया की ग्राम पंचायत बमुरीपुर में नौ पंचवर्षीय प्रधान रहे स्वर्गीय अशर्फीलाल यादव के यहां उनका लगातार राजनीतिक सफर में आना-जाना रहा। उन पलों को कभी भी नजरअंदाज कर पाना दुस्तर होगा। माननीय मुलायम सिंह के विषय में मूलरूप से बमुरीपुर वर्तमान में ग्राम पंचायत जैतापुर निवासी तिलक इंटर कॉलेज से सेवानिवृत्त प्रवक्ता रहे स्वर्गीय अशर्फी लाल के पुत्र सेवाराम यादव ने माननीय मुलायम सिंह की स्मृतियों को ताजा करते हुए जानकारियां दी हैं। उन्होंने नेताजी के स्वस्थ होने की कामना की है।
सेवानिवृत्त प्रवक्ता सेवाराम यादव सपा संस्थापक/संरक्षक के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि राजनीति के पुरोधा माननीय मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन संघर्ष भरा रहा है। उन्होंने कहा कि सन् 1970 से मुलायम सिंह का संबंध औरैया की ग्राम पंचायत बमुरीपुर से रहा है। सन् 1970 से लेकर अब तक वह राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लोकसभा से लेकर पंचायत स्तर तक की राजनीति की। जनपद औरैया की ग्राम पंचायत बमुरीपुर से उनका विशेष लगाव रहा। जब भी वह औरैया आते थे तो वह ग्राम बमुरीपुर में नौ पंचवर्षीय प्रधान रहे उनके पिता अशर्फी लाल यादव से अवश्य मिलते थे। इतना ही नहीं वह समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद औरैया में टिकट वितरण पर भी चर्चा करते रहे। इसके अलावा वह विशेष सलाहकार के रूप में ग्राम कढोरे पुरवा निवासी स्वगीय मुलायम सिंह (एमएलसी) से भी सलाह मशविरा करते रहे। इसके साथ ही अजीतमल निवासी ठाकुर भोला सिंह एवं कमलेश पाठक पूर्व एमएलसी से भी उनके बहुत ही करीबी संबंध रहे हैं। स्वर्गीय अशर्फी लाल के यहां एक कमलेश सविता रहते थे। माननीय मुलायम सिंह का आना-जाना बमुरीपुर बना रहता था, जिससे वह कमलेश सविता को भी जानने लगे। एक बार वह अपनी बहन की शादी के लिए माननीय मुलायम सिंह के आवास पर इटावा पहुंचे। उस समय नेताजी नेता विरोधी दल थे। खराब स्थिति के कारण कोई भी शादी में शामिल नहीं था, लेकिन नेताजी लखनऊ से आकर उसकी बहन की शादी में शामिल हुए थे। नेताजी लगभग 2 किलोमीटर कच्चे रास्ते पर चलकर उसकी बहन की शादी में पहुंचे थे। इस प्रकार नेताजी गरीब, मजलूमो और किसानों के हमेशा मसीहा रहे हैं। आगे बताया कि नेताजी के सहयोग से छात्र-छात्राओं की शिक्षा के लिए ध्यान रखते हुए सन् 1985 में श्री गोपाल कृष्ण इंटर कॉलेज बमुरीपुर में आधारशिला रखी थी।
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जिसमें माननीय नेताजी तीन बार मुख्यमंत्री कार्यकाल में एक बार रक्षामंत्री कार्यकाल में विद्यालय में पधारे थे। औरैया दिबियापुर मार्ग अथवा आस-पास जब भी नेताजी आते थे तो वह उनके पिता स्वर्गीय अशर्फी लाल यादव से बगैर मिले नहीं जाते थे। इतना ही नहीं माननीय नेताजी ने ग्राम बमुरीपुर में साधन सहकारी समिति , अस्पताल निर्माण के लिए 1979 में एवं महिला अस्पताल व पशु अस्पताल का उद्घाटन 10 जुलाई 2005 को किया , इसके साथ ही उन्होंने बमुरीपुर-दौलतपुर मार्ग सेंगर नदी पुल का भी उद्घाटन अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में किया। नेताजी बमुरीपुर में सैकड़ों बार आये एवं हर परिवारिक प्रोग्राम में शामिल रहे। अंत में उन्होंने कहा कि उनके पिता प्रधान अशर्फी लाल यादव का निधन 4 अक्टूबर सन् 2007 को हो गया। नेता जी ने बमुरीपुर आकर शोक संवेदना व्यक्त की थी। उनकी मिलनसार शख्सियत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वह परिवार सहित ईश्वर से बारम्बार प्रार्थना करते हैं कि नेताजी अतिशीघ्र स्वस्थ होकर मेदांता अस्पताल से बाहर निकले।