जाली दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे शिक्षकों पर दर्ज होगा मुकदमा
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही अभी तक पूरी नहीं कर सका है और अभी तक 50 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों पर मुकदमा (एफआईआर) तक दर्ज नहीं हुआ।
- फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर वेतन की रिकवरी करने के दिए गए आदेश
कानपुर देहात, अमन यात्रा : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही अभी तक पूरी नहीं कर सका है और अभी तक 50 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों पर मुकदमा (एफआईआर) तक दर्ज नहीं हुआ जबकि 30 जून तक इसकी जानकारी महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के साथ एसटीएफ को भेजी जानी थी क्योंकि एसटीएफ फर्जी टीचर को लेकर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप चुकी है और उसने इन टीचर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही वेतन की वसूली करने को कहा था लेकिन बताया जा रहा है कि विभाग के ही कुछ अफसर फर्जी टीचर को बचाने में लगे हुए हैं। असल में राज्य में योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में फर्जी टीचर का मामला सामने आया था और उसके बाद इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। एसटीएफ ने 35 जिलों में कार्यरत 176 फर्जी शिक्षकों की सूची सौंपकर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इन शिक्षकों पर फर्जी अंकपत्र, फर्जी आरक्षण संबंधी प्रमाण पत्र के आधार पर परिषदीय स्कूलों में नौकरी हासिल की थी। इन टीचर पर सरकारी धन के गबन का आरोप है।
एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में इन टीचर के खिलाफ एफआईआर के साथ ही उनकी गिरफ्तारी और सरकारी पैसे की वसूली को लेकर भी विभाग को लिखा था लेकिन विभाग इस दिशा में कुछ नहीं कर रहा है। कुछ जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्राथमिकी दर्ज कराने में पुलिस द्वारा सहयोग न करने की बात कह रहे हैं जिसे ध्यान में रखते हुए महानिदेशक विजय किरन आनंद ने जिला अधिकारी से सहयोग प्राप्त कर सभी फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं साथ ही कृतकार्यवाही की सूचना 16 जुलाई तक कार्यालय को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।