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टेट अनिवार्यता के विरोध में जूनियर शिक्षक संघ ने भरी हुंकार, संसद अकबरपुर को सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ कानपुर देहात जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षक सांसद देवेंद्र सिंह (भोले) के कानपुर स्थित आवास पर पहुंचे और विशाल विरोध-प्रदर्शन किया।

राजेश कटियार, कानपुर देहात। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सेवाकालीन शिक्षकों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) अनिवार्य करने के आदेश के खिलाफ रविवार को जनपद के शिक्षकों का आक्रोश सड़कों पर दिखा। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी के निर्देश पर संगठन की जनपद कानपुर देहात इकाई द्वारा सांसद देवेन्द्र सिंह (भोले) के आवास पर ज्ञापन कार्यक्रम आयोजित हुआ। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ कानपुर देहात जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षक सांसद देवेंद्र सिंह (भोले) के कानपुर स्थित आवास पर पहुंचे और विशाल विरोध-प्रदर्शन किया।

शिक्षको को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत ने कहा शिक्षकों ने वर्षों की सेवा और अनुभव से शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। अब उन्हें टेट के नाम पर अपमानित करना न केवल अन्याय है बल्कि शिक्षक समाज के अस्तित्व पर हमला है। हम सेवा समाप्ति या किसी भी प्रकार के अन्यायपूर्ण आदेश को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। धरना-प्रदर्शन के बाद संघ पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन सांसद को सौंपा। ज्ञापन में प्रमुख मांगें रखी गईं जिनमें मुख्यता 23 अगस्त 2010 एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टेट से छूट की बात कही गई। सेवाकालीन शिक्षकों की सेवा सुरक्षा हेतु संसद में तत्काल विधायी संशोधन लाया जाने, लाखों शिक्षकों एवं उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित किए जाने की बात कही गई।

इस संदर्भ में सांसद ने शिक्षको का समर्थन करते हुए कहां कि वे शिक्षकों के साथ है और उनके मांगपत्र को प्रधानमंत्री एवं शिक्षा मंत्री तक अवश्य पहुंचाएंगे। संगठन के मीडिया प्रभारी पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो यह संघर्ष कानपुर देहात के सभी सांसदों के दरवाजे तक जाएगा और अगर सरकार ने शिक्षक हित में निर्णय नहीं लिया तो संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश त्यागी के नेतृत्व में आंदोलन दिल्ली तक होगा।
संगठन के महामंत्री रामकुमार कटियार ने कहा कि यह आंदोलन न केवल शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा का सवाल है बल्कि उनके आत्मसम्मान की लड़ाई भी बन गया है जिसमें संगठन कानूनी लड़ाई से और आंदोलन दोनों रास्तों से विजय प्राप्त करने के लिए संघर्ष करेगी।

धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष अशोक सिंह राजावत, महामंत्री रामकुमार कटियार, कोषाध्यक्ष राहत अली ने किया। इस अवसर पर धीरेंद सिंह चौहान (मंडलीय उपाध्यक्ष), हंसराज सोनकर (मंडलीय संयुक्त मंत्री) बसंत कटियार (मंडलीय संयुक्त मंत्री), वरिष्ठ उपाध्यक्ष कामता सिंह, उपाध्यक्ष रूपा मिश्रा, निरुपम तिवारी, पुष्पेन्द्र कुमार (उपाध्यक्ष/ मीडिया प्रभारी), संयुक्त मंत्री पवन सिंह प्रजापति, दिनेश सिंह यादव, लेखाकार शैलेन्द्र कुमार और दिनेश शर्मा, राकेश गौतम (मंत्री मैथा), रामनरेश कठेरिया (अध्यक्ष रसूलाबाद), धर्मेंद्र सिंह (अध्यक्ष सरवनखेड़ा) चंदवीर पाल (मंत्री सरवनखेड़ा), विकास सिंघल (अध्यक्ष झींझक), श्याम नारायण (मंत्री अमरौधा) सर्वेश कटियार (अध्यक्ष मलासा), संजेश कटियार (पूर्व अध्यक्ष मलासा), विकास कटियार, प्रवीण कटियार, राजेश कुमार, अमित शर्मा आदि पदाधिकारियों समेत सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।

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Author: aman yatra


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