तकनीकी पेंच के चलते वेंडरों के खातों में नहीं पहुंच रही है स्कूलों द्वारा भेजी गई धनराशि
परिषदीय स्कूलों में विकास कार्यों के लिए मिले कम्पोजिट ग्रांट के रुपये प्रधानाध्यापक पीएफएमसी पोर्टल से भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। तीन दिन से प्रिंट पेमेंट एडवाइस (पीपीए) लंबित होने से भुगतान नहीं हो पा रहा है।प्रधानाध्यापक बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं जिसके चलते सैकड़ों स्कूल के प्रधानाध्यापक इन रुपयों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, इतना ही नहीं कुछ स्कूलों के एसएमसी खातों से बैंक द्वारा रुपए काट लिए गए हैं लेकिन वेंडर के खातों में धनराशि नहीं पहुंची है
कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में विकास कार्यों के लिए मिले कम्पोजिट ग्रांट के रुपये प्रधानाध्यापक पीएफएमसी पोर्टल से भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। तीन दिन से प्रिंट पेमेंट एडवाइस (पीपीए) लंबित होने से भुगतान नहीं हो पा रहा है।प्रधानाध्यापक बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं जिसके चलते सैकड़ों स्कूल के प्रधानाध्यापक इन रुपयों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, इतना ही नहीं कुछ स्कूलों के एसएमसी खातों से बैंक द्वारा रुपए काट लिए गए हैं लेकिन वेंडर के खातों में धनराशि नहीं पहुंची है। 31 मार्च तक इन रुपयों का भुगतान नहीं होने पर यह धनराशि वापस शासन के खाते में चली जाएगी। ऐसा पिछली वर्ष भी हुआ था। शिक्षक भी इस कार्य में लापरवाही बरतते हैं। इस बार कंपोजिट ग्रांट समय से आ गई थी लेकिन शिक्षक अंतिम समय का इंतजार करते रहते हैं और फिर सर्वर पर एकाएक लोड बढ़ जाता है जिस कारण से भुगतान में समस्या आने लगती है और कई स्कूलों का पैसा फस जाता है।
एक माह के भीतर शासन से मिली कम्पोजिट गांट के रुपये बीएसए/लेखाधिकारी ने स्कूलवार स्कूल प्रबंध समिति (एसएमसी) के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया है। 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार व 250 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को 75 हजार रुपये कम्पोजिट ग्रांट दी जाती है। इसका उपयोग स्कूलों में स्वच्छता, पेयजल, स्मार्ट कक्षा, टाइल्स, पढ़ाई उपयोगी सामग्री, रंग पोताई आदि के काम होना है। इसका भुगतान पीएफएमसी पोर्टल के जरिए किया जाना है। शिक्षकों ने समय रहते इस ग्रांट का उपयोग नहीं किया अब अंतिम समय में हाय तौबा मचाये हुए हैं जिस कारण सर्वर भी सही से कार्य नहीं कर रहा है। यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी ने बताया कि पीएफएमएस पोर्टल के काम न करने से बहुत से स्कूलों के प्रिंट पेमेंट एडवाइट (पीपीए) लंबित हैं।
पर्ची नहीं निकल रही है, कुछ शिक्षकों ने पीपीए बैंक में जमा किया हैं उनके खातों से धनराशि भी कट गई है लेकिन वेंडर के खातों में नहीं पहुंची है जिसकी वजह से परेशान शिक्षक बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसी जनपद के सैकड़ों स्कूलों में समस्या है। बीते साल स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने वेतन से काम करा लिया था। करीब 110 स्कूलों का भुगतान फंस गया था फिलहाल विभाग इस वर्ष पिछले वर्ष की ऐसी धनराशि भी भेज रहा है।