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दसवीं मोहर्रम को निकले ताजिये सभी ताजियों को कर्बला में किया गया सुपुर्द – ए -खाक

बिन्दकी नगर में दसवीं मोहर्रम को ताजिये बड़े ही शान ओ शौकत के साथ निकाले गए जहां हिन्दू,मुस्लिम सभी धर्मों के मानने वालों ने शिरकत की और नगर व देश मे अमन चैन कायम रहे ऐसी कामना भी की जिसमें महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा रही ताजियों में सबसे आगे अलम निशान रहा उसके पीछे कतारबद्ध ताजिये चलते रहे जिनका मिलाप खजुहा चौराहे पर किया गया

Story Highlights
  • वहीं मुर्तद हो रही बेटियों के लिए युवाओं द्वारा दीन पढ़ाओ,बेटी बचाओ जैसे स्लोगन के साथ जागरूकता के लिए  बैनर पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे युवा

विकास, बिन्दकी। बिन्दकी नगर में दसवीं मोहर्रम को ताजिये बड़े ही शान ओ शौकत के साथ निकाले गए जहां हिन्दू,मुस्लिम सभी धर्मों के मानने वालों ने शिरकत की और नगर व देश मे अमन चैन कायम रहे ऐसी कामना भी की जिसमें महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा रही ताजियों में सबसे आगे अलम निशान रहा उसके पीछे कतारबद्ध ताजिये चलते रहे जिनका मिलाप खजुहा चौराहे पर किया गया उसके बाद कजियाना मोहल्ले में मिलाप की परम्परा सम्पन्न की गई.

जिसके बाद सभी ताजिये कतारबद्ध होकर कर्बला पहुंचे जहां पर ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया वहीं दूसरी ओर नगर के युवाओं ने भी मुर्तद हो रही सभी धर्मों की बेटियों के लिए एक अच्छा पैगाम देने के साथ ही साथ उनके माता पिता को भी आईना दिखाते हुए दीन पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसी मुहिम चलाकर जागरूक किया गया जो कि एक अच्छी और सराहनीय  पहल रही जिसे हर कोई सराह रहा है युवाओं ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जिस तरह से पूरे देश में मुस्लिम बेटी हिन्दू लड़कों के साथ व हिन्दू बेटी मुस्लिम लड़कों के साथ भाग रहीं हैं जिसके बाद उनके माता पिता का सिर शर्म से समाज के सामने झुक जाता है इसका मुख्य कारण ये है कि इनके माता पिता द्वारा इन्हें अच्छी शिक्षा अपनी संस्कृति अपना कल्चर अपने धर्म के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध न कराना है जिसके चलते बेटियां गुमराह होकर बहकावे में आकर गलत कदम उठा लेती हैं और अपने माता पिता की इज्जत को समाज में तार तार कर देती हैं.

 

ऐसे में बेटियों के साथ साथ माता पिता को भी यह सन्देश देने की कोशिश की गई है कि वे अपनी बच्चियों की परवरिश अपनी संस्कृति के हिसाब से करें और उन्हें अपना कल्चर भी बताएं ताकि किसी भी धर्म जाति की बेटियां गुमराह न हो सकें और देश में अमन चैन व भाईचारा कायम रह सके इस मौके पर अमजद खान,शान खान,अतहर खान,फैज़ान मंसूरी,अयान खान,रिज़वान अंसारी, उर्फ सिकन्दर,कामिल,नदीम सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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Pranshu Gupta
Author: Pranshu Gupta

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