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निपुण विद्यालय का दर्जा दिला पाने में एआरपी फेल 

परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार के लिए विकासखंड स्तर पर तैनात अकादमिक रिसोर्स पर्सस (एआरपी) अपने क्षेत्र के दस विद्यालयों को निपुण विद्यालय के रूप में विकसित करने में फेल होते दिख रहे हैं।

Story Highlights
  • एआरपी अपने लक्ष्य को नहीं कर पा रहे हासिल
  • प्रत्येक एआरपी को अपने क्षेत्र के 10 विद्यालयों को बनाना है निपुण

अमन यात्रा, कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार के लिए विकासखंड स्तर पर तैनात अकादमिक रिसोर्स पर्सस (एआरपी) अपने क्षेत्र के दस विद्यालयों को निपुण विद्यालय के रूप में विकसित करने में फेल होते दिख रहे हैं। निपुण विद्यालय बनाने के मानकों को उन्हें दिसंबर 2023 तक पूरा करना है और इस पहल के जरिए अन्य शिक्षकों के समक्ष एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया जाना है साथ ही निपुण लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति के लिए उन्हें प्रेरित भी करना है लेकिन वे स्वयं ही अपने लक्ष्य को हासिल करने में विफल साबित हो रहे हैं।

जिले के 10 ब्लाकों में कुल 1925 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें करीब एक लाख 86 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। उक्त विद्यालयों को निपुण बनाने की योजना चल रही है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कई बार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। महानिदेशक के अनुसार प्रत्येक एआरपी अपने विकासखंड के 10 विद्यालयों का चयन कर 10 नवंबर तक सूची बीएसए के माध्यम से राज्य परियोजना कार्यालय को भेजेंगे। चयनित विद्यालय शिक्षक संकुल विद्यालयों के अतिरिक्त होंगे।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि चयनित विद्यालयों में कक्षा तीन तक के सभी विद्यार्थियों द्वारा कक्षानुरूप निर्धारित दक्षताएं प्राप्त की जाएगी। भाषा व गणित विषय का शिक्षण योजना के अनुरूप कक्षा शिक्षण कार्य सुनिश्चित किया गया है। ऐसा सभी का प्रयास है कि निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत निपुण लक्ष्य हासिल कर लिया जाए।

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Pranshu Gupta
Author: Pranshu Gupta

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