नौकरी पेशावालों की बचत योजनाओं में कोई परिवर्तन नहीं, लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर 0.3 प्रतिशत तक बढ़ी
सरकार ने कुछ लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। अर्थव्यवस्था में इस समय ब्याज दरें मजबूत हो रही हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि नौकरीपेशा लोगों के बीच लोकप्रिय बचत योजना लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
कानपुर देहात,अमन यात्रा : सरकार ने कुछ लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। अर्थव्यवस्था में इस समय ब्याज दरें मजबूत हो रही हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि नौकरीपेशा लोगों के बीच लोकप्रिय बचत योजना लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर भी ब्याज दर को 6.8 प्रतिशत पर कायम रखा है। वहीं पांच अन्य योजनाओं जिनपर मिलने वाली आय करयोग्य होती है, पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।
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इस संशोधन के बाद डाकघर में तीन साल की जमा पर अब 5.8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। अभी तक यह दर 5.5 प्रतिशत थी। इस तरह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ब्याज दर में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वित्त मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर अब 7.6 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। अभी तक इस योजना पर 7.4 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। किसान विकास पत्र के संदर्भ में सरकार ने इसकी अवधि तथा ब्याज दर दोनों में संशोधन किया है। इसके तहत किसान विकास पत्र पर ब्याज अब 7.0 प्रतिशत होगा जो पहले 6.9 प्रतिशत था। अब यह 124 महीने के बजाय 123 महीने में परिपक्व होगा।
मासिक बचत योजना पर अब 6.6 के बजाय 6.7 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इसके चलते बैंक जमा पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। अधिसूचना के अनुसार लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर ब्याज 7.1 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर 7.6 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। पांच साल की रेकरिंग या अनुवर्ती जमा पर ब्याज पहले की तरह 5.8 प्रतिशत मिलेगा।