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पाकिस्तान : पख्तूनवा में धमाका, अबतक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में रविवार शाम को जब जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल का कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था, उसी वक्त एक जोरदार धमाका हुआ जिसमें करीब 45 लोगों की मौत हो गई.

एजेंसी, पाकिस्तान : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में रविवार शाम को जब जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल का कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था, उसी वक्त एक जोरदार धमाका हुआ जिसमें करीब 45 लोगों की मौत हो गई. इस धमाके में 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. बाजौर इलाके में जब ये धमाका हुआ, तब पूरी तरह से अफरातफरी का माहौल था और हर ओर घायल लोग गिरे पड़े थे.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अभी तक किसी भी संगठन ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी नहीं ली है. सोशल मीडिया पर ब्लास्ट वाली जगह की कुछ वीडियो और तस्वीरें वायरल हैं, जिसमें तबाही का मंजर देखा जा सकता है. दरअसल, यहां एक सभा चल रही थी जिसमें 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे. पाकिस्तान में इस वक्त चुनावी माहौल है, ऐसे में अलग-अलग पार्टियां अपने संगठन को एकजुट करने में लगी हैं.

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इस धमाके में अपना हाथ चोटिल करवा देने वाले 24 साल सबीबुल्लाह ने बताया कि धमाके के बाद हर कोई जमीन पर गिरा हुआ था, लोगों को काफी गंभीर चोट आई है. हर ओर मानव अंग बिखरे हुए थे, ये मंजर काफी खौफनाक था.
खैबर पख्तूनख्वा की पुलिस ने जो बयान दिया है, उसमें बताया गया है कि आत्मघाती विस्फोट करने वाला हमलावर रैली में कार्यकर्ता के भेष में घुसा था. जब रैली चल रही थी और मंच पर भाषण दिया जा रहा था, उस वक्त वह स्टेज के पास पहुंचा और खुद को उड़ा दिया. अल जजीरा के मुताबिक, इस घटना के पीछे ISIS का हाथ हो सकता है हालांकि अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने इस धमाके की निंदा की और कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान के दुश्मन हैं जो यहां शांति नहीं रहने देना चाहते हैं. पाकिस्तानी सरकार ने राज्य की सरकार से पूरी रिपोर्ट तलब की है. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भी पाकिस्तानी पीएम से इस मामले में कड़ा एक्शन लेने की अपील की है.

जिस जगह धमाका हुआ है, पाकिस्तान का वह इलाका अफगानिस्तान के करीब है. अफगानिस्तान में जब से तालिबानी शासन आया है, तभी से इस इलाके में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है. नवंबर 2022 में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने युद्ध विराम की बात को नकार दिया था और हमले तेज़ कर दिए थे, तभी पाकिस्तान के इस हिस्से में लगातार आतंकी हमलों की घटनाएं होती रहती हैं.
अगर इसी साल की बात करें तो 30 जनवरी को ही पेशावर की मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था यहां 100 से ज्यादा लोग मर गए थे. फरवरी में कराची में गोलीबारी की घटना हुई थी, जिसमें आधा दर्जन के करीब लोग मारे गए थे. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में ये घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं.

anas quraishi
Author: anas quraishi

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