कानपुर देहातउत्तरप्रदेशफ्रेश न्यूज

नए स्कूली फ्रेमवर्क में बच्चों के संपूर्ण विकास पर है फोकस

स्कूलों में बचपन अब खोएगा नहीं बल्कि खिलखिलाएगा अब बच्चों को पढ़ाई में खूब मजा आएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जा रहे नए स्कूली पाठ्यक्रम का सूत्र वाक्य फिलहाल यही है। य

कानपुर देहात, अमन यात्रा  : स्कूलों में बचपन अब खोएगा नहीं बल्कि खिलखिलाएगा अब बच्चों को पढ़ाई में खूब मजा आएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जा रहे नए स्कूली पाठ्यक्रम का सूत्र वाक्य फिलहाल यही है। यही कारण है कि इस पाठ्यक्रम के लिए जो फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है उसे कुछ इस तरह से बुना जा रहा है जिससे बच्चों को पढ़ाई के साथ ही खेलकूद या फिर संपूर्ण विकास के लिए दूसरी जरूरी गतिविधियों में शामिल होने का पर्याप्त समय मिल सकेगा। फ्रेमवर्क में उन्हें ज्यादा से ज्यादा फ्री टाइम देने की कोशिश है। इसके लिए पाठ्यक्रम को थोड़ा छोटा और संगठित (कंपैक्ट) भी किया जा रहा है। यह बात सामने आ चुकी है कि वर्तमान स्कूली पाठ्यक्रम काफी भारी भरकम है जिसे सुसंगठित करने के बजाय उसमें लगातार नई-नई चीजों को जोड़ा जा रहा है। इतना ही नहीं स्कूलों का जो मौजूदा तानाबाना है उनमें रटने-रटाने या फिर नंबरों की ऐसी होड़ है कि उनमें बचपन गुम-सा हो गया है। हालांकि स्कूल स्तर पर इसमें सुधार के प्रयास भी किए गए हैं लेकिन इसका कोई खास परिणाम सामने नहीं आया है।

ये भी पढ़े-  शैक्षिक प्रशासन में नवाचार कार्यक्रमों के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की मांगी गई सूची

फिलहाल स्कूलों के लिए अब जब नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसमें इन बातों का ध्यान रखा जा रहा है। स्कूली पाठ्यक्रम में सुधार की यह कोशिश फ्रेमवर्क स्तर से ही की जा रही है जिसे इन दिनों तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। फ्रेमवर्क की प्रक्रिया नए पाठ्यक्रम को तैयार करने से पहले की प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को किस स्तर पर कितनी सामग्री पढ़ानी है, उसका खाका तैयार किया जाता है। किसी भी विषय के कितने चैप्टर होंगे आदि चीजें फ्रेमवर्क में शामिल होती हैं।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

Leave a Reply

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading