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बढ़ने की बजाय घट रहा है परिषदीय स्कूलों में छात्र नामांकन

ऑनलाइन छात्र उपस्थित का आदेश जारी होने से परिषदीय स्कूलों में छात्र नामांकन बढ़ने की वजाय लगातार घटता जा रहा है। बीते दिनों सभी जिलों से छात्र संख्या की जो रिपोर्ट यू-डायस व प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से मांगी गई थी उसमें पिछले सत्र के सापेक्ष हजारों बच्चों की संख्या कम हो गई थी इस नवीन सत्र में उससे भी कम नामांकन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है

कानपुर देहात। ऑनलाइन छात्र उपस्थित का आदेश जारी होने से परिषदीय स्कूलों में छात्र नामांकन बढ़ने की वजाय लगातार घटता जा रहा है। बीते दिनों सभी जिलों से छात्र संख्या की जो रिपोर्ट यू-डायस व प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से मांगी गई थी उसमें पिछले सत्र के सापेक्ष हजारों बच्चों की संख्या कम हो गई थी इस नवीन सत्र में उससे भी कम नामांकन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अब कक्षा एक में प्रवेश के लिए 1 अप्रैल को बच्चों की आयु 6 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए इसके अलावा शिक्षक ऐसे बच्चों का नामांकन भी करने से दूरी बना रहे हैं जो स्कूल में कभी कभार ही आते हैं। नवीन शैक्षिक सत्र में स्कूलों के प्रधानाध्यापक फ्रेश बच्चों के ही एडमिशन करने के मूड में हैं क्योंकि ऐसा देखा गया है की कई बच्चे पहले सरकारी स्कूलों में नाम लिखा लेते हैं और किताबें मिलते ही प्राइवेट विद्यालय में प्रवेश ले लेते हैं।

बता दें एक अप्रैल से अभियान चलाकर परिषदीय स्कूलों में नामांकन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है वहीं शिक्षकों को नामांकन के लिए छात्र खोजे नहीं मिल रहे है। अधिकतर बच्चों के अभिभावक द्वारा गांवों कस्बों में संचालित विद्यालय में दाखिला लिए जाने की जानकारी दी जा रही है लेकिन इनके पास मान्यता हैं कि नहीं इसकी जानकारी नहीं है। हद तो यह है जूनियर की मान्यता पर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट तक चलाए जा रहे हैं। इन विद्यालयों के पास मानक के अनुरूप भवन तक नहीं हैं। कहीं टीन के नीचे तो कही घरों में चल रहे है स्कूल। विभाग की तरफ से अब तक गैर मान्यता प्राप्त संचालकों को नोटिस जारी किया गया है लेकिन उन पर विभाग के आदेश का कोई डर नहीं है। इन अमान्य स्कूलों की वजह से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या प्रभावित हो रही है। अभिभावक अनजाने में अपने बच्चों का दाखिला बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में करा रहे हैं i

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Author: anas quraishi

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