भागवत साक्षात कृष्ण का स्वरूप है : आचार्य
भागवत साक्षात कृष्ण का स्वरूप है भगवान कृष्ण जब परम धाम जाने लगे तो उधव जी ने कहा कि भगवान आप के विरह में कैसे जीवित रहूंगा तो भगवान कृष्ण ने कहा की उधव मेरा शरीर तो जा रहा है लेकिन मेरी आत्मा भागवत में प्रवेश कर रही है.
श्रीकान्त अग्निहोत्री,शिवली कानपुर देहात । भागवत साक्षात कृष्ण का स्वरूप है भगवान कृष्ण जब परम धाम जाने लगे तो उधव जी ने कहा कि भगवान आप के विरह में कैसे जीवित रहूंगा तो भगवान कृष्ण ने कहा की उधव मेरा शरीर तो जा रहा है लेकिन मेरी आत्मा भागवत में प्रवेश कर रही है. इसलिए जो भागवत कथा का श्रवण करेगा उस पर मेरी कृपा होगी यह बात गा रब मैं था मैं नहर पटरी पर स्थित काली मां के दरबार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास पंडित राकेश त्रिपाठी भागवत भास्कर निवासी में था ने कहीपप्पू सिंह चंदेल, पिंकी सिंह चंदेल, जगदीश राठौर, जय राम बाबा, वीरेंद्र सिंह चंदेल, चंद्रेश चंदेल, अरविंद सिंह चंदेल, विजय गुप्ता, बृजराज सिंह गौतम, रौनक चंदेल, ने श्रोता भक्तों को बताया कि,
भगवान श्री कृष्ण का अवतार ही अधर्म अन्याय मिटाने के लिए हुआ बचपन से ही दुष्टों का संहार किया उन्होंने कहा की भगवान कृष्ण जब 6 दिन के थे तब पूतना को मार दिया अघासुर का वध किया सकरापुर का उद्धार किया 7 वर्ष की उम्र में गोवर्धन की पूजा ब्रज वासियों से करवाई घमंडी इंद्र का अभिमान दमन किया गोवर्धन भगवान स्वयं कृष्ण बने भागवत कथा अवसर पर प्रमुख रूप से श्रोता गणों मैं पप्पू सिंह चंदेल, पिंकी सिंह चंदेल, जगदीश राठौर, जय राम बाबा, वीरेंद्र सिंह चंदेल, चंद्रेश चंदेल, अरविंद सिंह चंदेल, विजय गुप्ता, बृजराज सिंह गौतम, रौनक चंदेल, सहित काफी संख्या में भागवत अनुरागी भक्तगण मौजूद रहे