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अमन यात्रा, कानपुर देहात। अगर आप बेसिक शिक्षा विभाग में कर्मचारी हैं तो आप अपने सेवा रिकॉर्ड को संभालकर खुद भी रखें क्योंकि विभाग से आपकी सर्विस बुक कब गायब हो जाए यह पता नहीं। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के भरोसे काफी हद तक नहीं रहें। एक बार फिर से वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से 16 शिक्षकों की सर्विस बुक गायब होने का मामला सामने आया है।
वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय से अमरौधा विकासखंड के 16 शिक्षकों की सर्विस बुक गायब हो गई हैं जिसको लेकर शिक्षक सर्विस बुक के लिए अफसरों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लेखाधिकारी द्वारा तीन बार नोटिस दिए जाने के बावजूद संबंधित बाबू सर्विस बुक वापिस नहीं कर पा रहे हैं। इससे शिक्षकों की सर्विस बुक गायब होने से उनके विभिन्न भुगतान लटकने के आसार दिखाई दे रहे हैं जबकि सर्विस बुक वापस करने के लिए तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी ने तीन बार नोटिस जारी कर एफआईआर तक की चेतावनी दे दी है। बावजूद इसके सर्विस बुक कार्यालय में खोजे नहीं मिल रही हैं। अमरौधा विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्रांक संख्या 625 दिनांक 27 दिसंबर 2022 को 16 शिक्षकों की सर्विस बुक वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में डाक के माध्यम से भेज कर चयन वेतनमान एवं वेतन विसंगति को दूर करने का अनुरोध किया था।
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डाक के माध्यम से सभी 16 शिक्षकों की सर्विस बुक को कार्यालय ने रिसीव किया था और 28 दिसंबर 2022 को कार्यालय डाक रजिस्टर के मुताबिक शिक्षकों के चयन वेतनमान एवं वेतन विसंगति को दूर करने के लिए संबंधित लिपिक कुलश्रेष्ठसिंह को रिसीव कराई गई थी। इसके बाद से सभी 16 सर्विस बुक रहस्यमय ढंग से लापता हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी सर्विस बुक का पता नहीं चल सका। शिक्षकों की सर्विस बुक गायब होने से सर्विस कॉल का महत्वपूर्ण डाटा भी गायब हो गया है जिसको लेकर शिक्षक अपनी सर्विस बुक के लिए खंड शिक्षा अधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं लेकिन शिक्षकों को सर्विस बुक नहीं मिल पा रही है। शासकीय नियमों के आधार पर शिक्षकों की सर्विस बुक में उनके सर्विस काल की कर्म कुंडली होती है।
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उनके द्वारा किए गए कार्यों का विवरण दर्ज करते हुए की गई कार्यवाही भी अंकित की जाती है जिसके आधार पर ही शिक्षकों को प्रोन्नति वेतनमान के साथ अन्य लाभ मिलते हैं लेकिन सर्विस बुक गायब होने से अब शिक्षक परेशान हैं। इसको लेकर खंड शिक्षा अधिकारी अमरौधा ने वित्त एवं लेखा अधिकारी को पत्र भेजकर सर्विस बुक कार्यालय वापस करने का अनुरोध किया था। इसके बाद से लगातार तीन बार वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में लिपिक कुलश्रेष्ठ सिंह को नोटिस जारी कर सर्विस बुक वापस करने के निर्देश दिए थे लेकिन लिपिक कुलश्रेष्ठ सिंह ने सर्विस बुक वापस नहीं की जिसके बाद उन्होंने बीती 28 जून को अंतिम नोटिस जारी कर तीन दिवस के अंदर सर्विस बुक कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
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3 दिन में सर्विस बुक उपलब्ध न कराने पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ विभागीय कार्यवाही किए जाने की चेतावनी दी थी लेकिन इसके बाद भी अब तक संबंधित लिपिक के द्वारा सर्विस बुक कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इससे शिक्षकों की 16 सर्विस बुक गायब होने से उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। वित्त एवं लेखा अधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है संबंधित लिपिक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया गया है मामले में वस्तु स्थिति की जानकारी की जा रही है जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।
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