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साहब! भीषण जाम के चलते आमजन फंसे रहते है घंटो

बाजार रोड पर भीषण जाम फंसने की समस्या घंटों तक बनी रही है, जिससे एंबुलेंसेस, मरीजों और यात्रियों को कठिनाईयां आ रही हैं। बगल में स्थित सीएससी अस्पताल और अवैध ऑटो पार्किंग के कारण, सरवन खेड़ा बाजार रोड पर भीषण जाम फंस जाता है।

Story Highlights
  • एंबुलेंसेस, मरीजों और यात्रियों को कठिनाईयां आ रही हैं।

सचिन सिंह, सरवनखेड़ा। बाजार रोड पर भीषण जाम फंसने की समस्या घंटों तक बनी रही है, जिससे एंबुलेंसेस, मरीजों और यात्रियों को कठिनाईयां आ रही हैं। बगल में स्थित सीएससी अस्पताल और अवैध ऑटो पार्किंग के कारण, सरवन खेड़ा बाजार रोड पर भीषण जाम फंस जाता है। इस जाम में घंटों तक फंसने से अस्पतालों और यात्रियों को कठिनाइयां आ रही हैं। इस समस्या का संबंध सीएससी अस्पताल और अवैध ऑटो पार्किंग के साथ होने के कारण है। इस वजह से दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती रहती है, लेकिन पुलिस प्रशासन को इस मुद्दे पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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हालांकि, यहां यातायात को सुधारने के लिए 1 अप्रैल से शुरू होने वाला अभियान हुआ था, जो मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुसार था, लेकिन ऑटो चालकों ने इसे ध्यान में नहीं रखा है। इसके कारण ऑटो चालक अपने मनमाने तरीके से रोड पर खड़े हो रहे हैं, जिससे यात्रियों को कठिनाइयां हो रही हैं। दुकानदारों और स्थानीय लोगों का कहना है कि सप्ताहिक बाजार के दिन निकलना ही मुश्किल होता है, क्योंकि एंबुलेंस जाम में फंस जाती है और दुकानदारों को अपनी दुकान चलाने में काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं।

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इसे सुधारने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. अस्पतालों के पास वैकल्पिक पार्किंग: सीएससी अस्पताल के आसपास वैकल्पिक पार्किंग का विकास किया जा सकता है, ताकि अस्पतालों के लिए उपयुक्त पार्किंग स्थान उपलब्ध हो सके। यह सभी यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा और जाम को कम कर सकेगा।
  2. अवैध ऑटो पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई: पुलिस प्रशासन को अवैध ऑटो पार्किंग के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध पार्किंग का निर्माण रोकना चाहिए और कठोरता से इसे प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई के माध्यम से नष्ट किया जाना चाहिए।
  3. यातायात प्रबंधन के सुधार: यातायात प्रबंधन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सावधानीपूर्वक ट्रैफिक प्रबंधन की जाए और यातायात को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जाए। ट्रैफिक चालानों के माध्यम से अनुशासन बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।
  4. सचेतता अभियान: जनता को सचेत और जागरूक बनाने के लिए सावधानी अभियान को प्रोत्साहित किया जा सकता है। लोगों को समय पर अस्पतालों और दूसरे स्वास्थ्य संबंधित संस्थानों के लिए नियमित यात्रा करने की सलाह दी जा सकती है।
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Pranshu Gupta
Author: Pranshu Gupta

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