ड्रॉपआउट बच्चों की खोज करेंगे गुरु जी
जनपद के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की तलाश अब गुरु जी करेंगे। इस काम के लिए स्कूलवार एक-एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है। यह शिक्षक स्कूल न आने वाले बच्चों का ब्योरा जुटाकर विभाग को सौंपेंगे।

कानपुर देहात ,अमन यात्रा : जनपद के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की तलाश अब गुरु जी करेंगे। इस काम के लिए स्कूलवार एक-एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है। यह शिक्षक स्कूल न आने वाले बच्चों का ब्योरा जुटाकर विभाग को सौंपेंगे। सूबे के सभी बीएसए को ड्राप आउट बच्चों का ब्योरा 31 अगस्त तक परियोजना कार्यालय लखनऊ को देना है। बीएसए रिद्धी पाण्डेय के निर्देश पर शिक्षक अपने अपने स्कूल में पंजीकृत बच्चों के दस्तावेजों की पड़ताल कर पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की सूची बना रहे हैं। शिक्षक घर-घर जाकर इन बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को तैयार कर रहे हैं। उन्हें जागरूक कर रहे हैं। जिससे ड्राप आउट बच्चों की संख्या में कमी लायी जा सके।
40 दिन से स्कूल न आने वाले बच्चे ड्राप आउट-
40 या इससे अधिक दिनों से स्कूल न आने वाले बच्चे ड्राप आउट की श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा किसी वजह से जिन बच्चों ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी है। यह सभी बच्चे ड्राप आउट माने जाएंगे। जनपद में 1926 परिषदीय स्कूल हैं। इनमें करीब एक लाख सत्तर हजार बच्चे पंजीकृत हैं जिनमें लगभग 3 फीसदी बच्चें ड्रॉप आउट हैं।
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