रायपुर में बिस्कुट फैक्ट्री की लिफ्ट में गर्दन फंसने से युवक की मौत, कोहराम
फैक्ट्री की क्रूर लिफ्ट! कानपुर में काम के दौरान युवक की गर्दन फंसी, 5 घंटे बाद कटर से निकाला गया शव
रनियां। रनियां थाना क्षेत्र के रायपुर स्थित कानपुर नगर निवासी हर्ष श्याम दासानी की ओम राज फूड्स प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड में मंगलवार की सुबह लिफ्ट में गर्दन फंसने से एक श्रमिक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। फैक्ट्री में बिस्किट बनता है। घटना के बाद फैक्ट्री में हड़कंप मच गया और काम बंद कर दिया गया। इधर सूचना पर पहुंची पुलिस और फील्ड यूनिट ने जरुरी साक्ष्य संकलित किए। घटना की जानकारी पर उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटना के संबंध में गहनता से जांच पड़ताल की, जानकारी पर पहुंचे परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था।
औरैया जिले के फफूंद थाना क्षेत्र के अटा गांव का रहने वाला निखिल मिश्रा उम्र करीब छब्बीस साल पुत्र गिरीश बाबू मिश्रा रायपुर स्थित ओम फूड्स में काम करता था तथा फैक्ट्री कैंपस में ही रहता था। मंगलवार की सुबह फैक्ट्री में मैदा की बोरियां चढ़ाने वाली लिफ्ट में कार्य के दौरान उसकी गर्दन फंसने से वो छटपटाने लगा और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। इधर घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने शव निकलवाने का प्रयास किया लेकिन युवक की गर्दन लिफ्ट के बीच में फांसी होने के चलते शव बाहर नहीं निकल सका, पुलिस ने फायर कर्मियों की मदद से लिफ्ट की चद्दर को काटने का प्रयास शुरू किया, 5 घंटे बाद शव को बाहर निकाला जा सका।
पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाया। इधर घटना की सूचना पर परिजन भी फैक्ट्री पहुंचे मृतक के पिता गिरीश बाबू मिश्रा व अन्य परिजन दहाड़े मार रो रहे थे, उन्हें पुलिस तथा समाजसेवी दीपक सिंह चौहान ने ढांढस बंधाया। इसके बाद एसडीएम सदर नीलिमा यादव, एएसपी राजेश पांडेय, सीओ सदर संजय वर्मा, नायब तहसीलदार रविंद्र नाथ मिश्रा, इंस्पेक्टर रनियां शिवनारायण सिंह तथा फील्ड यूनिट घटनास्थल पर पहुंची।
फैक्ट्री प्रबंधन व मृतक के परिजनों के बीच काफी देर तक चली बातचीत के बाद 17 लाख रुपए में आपसी समझौता हो गया, 16 लख रुपए की चेक व एक लाख नगद फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से दिए गए इसके बाद शव पीएम के लिए भिजवाया गया। इस संबंध में एएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि कार्य के दौरान लिफ्ट में फंसने से युवक की मौत हो गई है, जांच पड़ताल और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
क़रीब पांच घंटे तक लिफ्ट में फंसा रहा शव
रनियां। सुबह करीब आठ बजे गर्दन लिफ्ट में फंसने से निखिल की मौत के बाद उसका शव वहीं फंस गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकालने का काफी प्रयास किया लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो कटर से लोहे की प्लेट काट कर दोपहर करीब एक बजे शव अलग किया गया।
परिवार का अकेला कमाने वाला था निखिल
रनियां। मृतक के पिता किसान हैं। इसके अलावा उसके घर में उसकी मां गीता देवी, दो छोटी बहनें हेमा और प्रिया की जिम्मेदारी निखिल के कंधों पर थी। निखिल की मौत से परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।
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