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वर्षा ऋतु के दृष्टिगत आकाशीय बिजली गिरने, सर्पदंश एवं गहरी नदी व नहरों में डूबने से बचने हेतु करें यह उपाय

जिलाधिकारी नेहा जैन द्वारा वर्षा ऋतु में आकाशीय बिजली गिरने, सर्पदंश एवं गहरी नदी व नहरों में डूबने से मृत्यु की घटनाओं की बढ़ोतरी के दृष्टिगत जनहित में समस्त अभिभावकों, बच्चे, किशोरों, वृद्धजनों की बहुमूल्य जीवन की रक्षा हेतु एडवाइजरी जारी की गई है

अमन यात्रा, कानपुर देहात। जिलाधिकारी नेहा जैन द्वारा वर्षा ऋतु में आकाशीय बिजली गिरने, सर्पदंश एवं गहरी नदी व नहरों में डूबने से मृत्यु की घटनाओं की बढ़ोतरी के दृष्टिगत जनहित में समस्त अभिभावकों, बच्चे, किशोरों, वृद्धजनों की बहुमूल्य जीवन की रक्षा हेतु एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें यह अपील की गई है कि यदि तैरना जानते हो तभी नदीयों, तालाबों, घाटों के किनारे जाये, डूबते हुए व्यक्ति को धोती, साडी, रस्सी या बांस के सहायता से बचायें पानी में न जायें सहायता के लिये अन्य लोगो को पुकारें, किसी नये स्थान पर नदी में जाने से पहले नदी की गहराई का ध्यान अवश्य रखें, डूबे व्यक्ति को बाहर निकालकर अस्पताल पहुचाने हेतु 112 पर कॉल करें। बच्चों को पुल, तालाब नदी, गड्डो तथा तेज पानी के बहाव में स्नान करने से रोके, बच्चों को पुल/ऊंचे टीलों से पानी में छलांग लगाकर नहाने से रोक, नदीयो/ तालाबों में स्नान करते वक्त सेल्फी लेने से रोक, यदि तैरना नही जानते हो तो नदीयों, तालाबों, घाटों के किनारे न जाये, नदीयो/तालाबों में स्नान करते वक्त खेल कूद न करें, डूबते व्यक्ति को पानी से बाहर निकालकर तत्काल प्राथमिक उपचार इस प्रकार करें, सबसे पहले ये सुनिश्चित करें कि डूबे हुए व्यक्ति के मुंह में कुछ फसा तो नही है, यदि है तो उसे बाहर निकाले, नाक व मुंह पर उंगलियों के स्पर्श से जांच कर लें कि व्यक्ति की सांस चल रही है, नब्ज की जाँच करने हेतु गले के किनारे के हिस्सों में उंगलियों से छूकर जानकारी प्राप्त करें कि नब्ज चल रही है कि नहीं, पता नही चलने पर डूबे व्यक्ति के मुंह से मुंह लगाकर दो बार भरपूर सांस दें तथा लगातार 30 बार छाती के बीच में दबाव दे तथा इस प्रक्रिया को 3-4 बार दुहराए, ऐसा करने से धड़कन वापस आ सकती है, नब्ज व सास का व सांस चलना शुरू हो सकती है, मुर्छा या बेहोश होने पर पुनः सांस देने व छाती पर दबाव देने की प्रक्रिया शुरू करें, उपरोक्त प्रक्रिया के बाद बचाए गये व्यक्ति को अविलम्ब नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएँ।

इससे प्रथक सर्पदंश के दृष्टिगत यह बताया है कि अक्सर वर्षा के कारण सर्प अपने बिलों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान ढूढ़ने तथा भोजन की तलाश में स्थानीय घरों तक पहुंच जाते हैं। वर्षा काल में सर्पदश की घटनायें ज्यादा घटित होते हैं यदि समस्त जनपदवासी बारिश के दिनों में सावधानी बरते तो सर्पदंश की घटनाओं तथा इससे होने वाली क्षती को न्यून किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सर्पदंश होने की स्थिति में कदापि न घबराये, पीड़ित का होसला बढ़ायें, सर्पदंश वाले स्थान को साफ पानी से धोएं, सर्पदंश वाले स्थान से ऊपर टुर्निकिट (पट्टी) ऐसे बांधे की पीडित का रक्त प्रवाह न रुके, पीड़ित के शरीर से कसा वस्तु (घडी, चौन, अंगूठियाँ) पहन रखी हो तो निकाल, पीडित को यथासंभव स्थिर रखने का प्रयास करें, पीडित को निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र जाकर स्नैक एटीवेनम इन्जेक्शन लगवायें। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सर्पदंश की घटना घटित होने पर झाड-फूक / तांत्रिक के पास न जायें। सर्पदंश वाले स्थान पर ब्लेड या धारदार वस्तु से चीरा न लगायें, सर्पदंश वाले स्थान से मुंह लगाकर जहर निकालने की कोशिश न करें, पीडित को सोने न दें, सर्पदंश वाले स्थान पर रस्सी से कसकर न बांधे। उन्होंने बताया कि सर्पदंश के लक्षण में सर्पदंश वाले स्थान पर जलन के साथ-साथ दर्द होना, रक्त का थक्का जमना, काटे गये स्थान पर सूजन होना, पीडित को बचौनी होना, साँस लेने में परेशानी होना सम्मिलित है।

जिलाधिकारी ने आकाशीय बिजली से बचाव के संबंध में भी बताया कि आकाशीय बिजली गिरने की सूचना प्राप्त होने पर कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण मकानों में निवास करने से बचें यदि सुरक्षित स्थान न हो तो पंचायत भवन आदि में शरण ले सकते है, बादलों के गरजने एवं चमकने के समय लोग घरों से न निकले। इस समय सुरक्षित स्थान एवं घरों में रहे, यदि रास्ते में अचानक बादल गरजने एवं चमकने की घटना होती है तो राहगीर तत्काल नजदीकी सुरक्षित स्थान पर रुक जाये, बारिश के समय पेड़ों के नीचे बिल्कुल शरण न लें। विद्युत पोल खुले तारों आदि से दूरी बना कर रखें, टी०वी० एवं रेडियों के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहे। आकाशीय विद्युत से सुरक्षा एवं बचाव हेतु समस्त जनपदवासी दामिनी ऐप का प्रयोग करें, दामिनी ऐप के माध्यम से आकाशीय विद्युत्त घटित होने की जानकारी प्राप्त हो जाती है। दामिनी ऐप के माध्यम से 20 किमी के दायरे में आकाशीय विद्युत गिरने की 30 मिनट पहले से जानकारी हो जाती है। दामिनी ऐप का प्रयोग कर स्वयं एवं दूसरों की जान बचायी जा सकती है। कच्चे घरों के आस पास जल जमाव न होने दें, मकानों के निचले हिस्सों के आस-पास जल जमाव हो तो तत्काल जल निकासी की व्यवस्था की जाये। बरसात के समय आकाशीय विद्युत गिरने की घटना के दृष्टिगत अपने जानवरों को सुरक्षित स्थान पर रखे, उन्हें खुले में न जाने दें।

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Pranshu Gupta
Author: Pranshu Gupta

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