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वादों की नींव पर सिद्धार्थनगर को उम्मीदों का नया आसमान देंगे पीएम नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2014 में सिद्धार्थनगर जिले में आये थे, तब वह प्रधानमंत्री नहीं थे। लेकिन जनता जनार्दन की जरूरतों को उन्होंने मन ही मन ही भांप लिया था और सिद्धार्थनगर को बिना कहे ही बहुत कुछ दे दिया। अब जो नरेन्द्र मोदी सिद्धार्थनगर आ रहे हैं, वह पिछले सात वर्षों से देश की बागडोर संभाल रहे हैं।

गोरखपुर, अमन यात्रा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2014 में सिद्धार्थनगर जिले में आये थे, तब वह प्रधानमंत्री नहीं थे। लेकिन जनता जनार्दन की जरूरतों को उन्होंने मन ही मन ही भांप लिया था और सिद्धार्थनगर को बिना कहे ही बहुत कुछ दे दिया। अब जो नरेन्द्र मोदी सिद्धार्थनगर आ रहे हैं, वह पिछले सात वर्षों से देश की बागडोर संभाल रहे हैं। इसी लिए अब वह मूलभूत सुविधाओं से ऊपर उठकर विकास और रोजगार की बातें कर रहे हैं, जिसे वह आसानी से पूरा कर सकते हैं। उन्होंने अभी तीन दिन पूर्व कुशीनगर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात दी है। कुशीनगर में उन्होंने कपिलवस्तु की भी चर्चा की है। वह भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों को विकसित करने, बेहतर कनेक्टीविटी देने की बात कर रहे हैं।

मूलभूत सुविधाओं की मांग थी, पीएम मोदी ने दी मेड‍िकल कालेज, रेललाइन की सौगात

पर्यटकीय क्षेत्र के विकास व रोजगार की बातें कर रहे हैं। कपिलवस्तु, कुशीनगर सहित पूर्वांचल के इस क्षेत्र को उन्होंने कहा है कि यह न सिर्फ भारत के ही बौद्ध अनुयायियों के लिए, बल्कि श्रीलंका, थाइलैंड, सिंगापुर आदि देशों के लिए भी आस्था का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। उन्होंने इशारों ही इशारों में यहां के लोगों जता दिया है कि यहां रोजगार का बड़ा द्वार खुलने जा रहा है। कुशीनगर में प्रधानमंत्री ने यह बातें करके सिद्धार्थनगर सहित पूर्वांचल के नागरिकों को उम्मीदों का बड़ा आसमान दे दिया है। वह चाहते हैं कि इस क्षेत्र को कोई बड़ी इंडस्ट्री मिल जाए। ताकि रोजगार के लिए यहां के लोगों को बाहर न निकलना पड़े।

आगामी 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिले के उसी बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय के ग्राउंड पर होंगे, जहां सात वर्ष पूर्व उन्होंने मूलभूत सुविधाओं की बात की थी। प्रधानमंत्री बनने के सात वर्षों के भीतर उन्होंने न सिर्फ मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान दिया, बल्कि उन्होंने तमाम सौगातें सिद्धार्थनगर की झोली में डाल दीं । आज सिद्धार्थनगर के पास चार हाईवे है। नई रेल लाइन का सर्वे हो चुका है। केंद्रीय विद्यालय, प्रधान डाकघर भवन, पासपोर्ट कार्यालय की सौगात मिल चुकी है। प्रधानमंत्री आगामी 25 अक्टूबर को फिर उसी बीएसए ग्राउंड पर आ रहे हैं। अपने आगमन के साथ मोदी एक बड़ी स्वास्थ्य सेवा की सौगात देने जा रहे हैं।

मूलभूत सुविधाओं की थी बात, दी सड़क, रेललाइन की सौगात

जनपदवासियों को बेसब्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार है। सात वर्ष पूर्व मोदी ने उसी बीएसए ग्राउंड से लोगों से सवाल किया था कि क्या हम मूलभूत सुविधाओं के भी हकदार नहीं है। क्या बेहतर रेलसेवा, बिजली जैसी हमारी अहम जरूरतें भी पूरी नहीं हो सकतीं। उन्होंने सिर्फ सवाल किया था और बीते सात वर्षों में वह सिद्धार्थनगर को वाराणसी से ककरहवा, गोरखपुर से बढ़नी होते हुए श्रावस्ती, बस्ती से डुमरियागंज होते हुए बढ़नी, संतकबीर-मेंहदावल होते हुए बांसी सहित चार नेशनल हाईवे दे चुके हैं। इसका करीब 80 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री जिले को केंद्रीय विद्यालय, प्रधान डाकघर भवन, पासपोर्ट कार्यालय दिया है। प्रधानडाकघर भवन, पासपोर्ट कार्यालय का उद्घाटन हो चुका है। केंद्रीय विद्यालय का भी करीब 90 फीसद कार्य पूरा हो चुका है।

बुद्धिष्ट थीम पार्क व बुद्धिष्ट परिपथ के लिए भी बड़ा बजट मिल चुका है। संतकबीरनगर, मेहदावल होते हुए बांसी, उतरौला को बहराइच को रेल लाइन के लिए सर्वे हो चुका है। इसके लिए अब भूमि का अधिग्रहण भी किया जा रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंद माधव कहते हैं कि यह वह परियोजनाएं हैं, जिनके लिए प्रधानमंत्री ने कुछ कहा ही नहीं और इसकी सौगात दे दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फिर लोगों को मेडिकल कालेज जैसी एक बड़ी सौगात देने आ रहे हैं। इससे सिद्धार्थनगर सहित आस-पास के तमाम जिलों का भला होगा।

बिन कहे सब कुछ दिया

सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश के अंतिम व्यक्ति तक की चिंता है। नेपाल सीमा स्थित इस जिले को उन्होंने बिना कुछ कहे बहुत कुछ दिया है। आज यहां के लोग रेल सेवा के जरिये आसानी से लखनऊ, दिल्ली, मुंबई आदि स्थानों पर सुगमता से जा सकते हैं। अब तक डाकघर के पास अपना भवन नहीं था। आज प्रधान डाकघर अपने भवन में स्थापित है। बुद्धिस्ट सर्किट से जुड़े होने के कारण इस क्षेत्र का उत्तरोत्तर विकास होगा।

 

 

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Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

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