उत्तरप्रदेश

हर पल बदल रही है आबोहवा हमारी: रामसेवक वर्मा 

उत्तर प्रदेश साहित्य सभा कानपुर देहात के तत्वाधान में आज भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत शाखा प्रबंधक बच्चन शाह के राजेंद्र नगर स्थित निवास पर विगत रात्रि एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें उनकी काव्य कृति 'सोम रस भीने वचन' के विमोचन के वास्ते इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ l 

पुखरायांl  उत्तर प्रदेश साहित्य सभा कानपुर देहात के तत्वाधान में आज भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत शाखा प्रबंधक बच्चन शाह के राजेंद्र नगर स्थित निवास पर विगत रात्रि एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें उनकी काव्य कृति ‘सोम रस भीने वचन’ के विमोचन के वास्ते इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ l

इस कवि सम्मेलन  की अध्यक्षता गणेश शंकर सचान ने की तथा संचालन टीo एनo कुलश्रेष्ठ ने किया l  मां सरस्वती की वंदना कवियत्री श्रीमती रजनी त्रिपाठी ने पढ़ी I कार्यक्रम के अध्यक्ष गणेश शंकर सचान ने बच्चन सहायता कृति ‘सोम रस  भीने वचन’ का विमोचन किया l  इस अवसर पर उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश अस्थाना ने वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा कार्यक्रम में कवि सम्मेलन में उपस्थित कवियों और श्रोताओं को संबोधित भी किया और बच्चन शाह की काव्य कृति को शुभेच्छा प्रदान कीI

वरिष्ठ कवि एवं कार्यक्रम के आयोजक बच्चन शाह  ने अपनी रचना में सुनाया-

प्रेम की खिंचाव से ब्रह्मांड पिंड टिक्की सबI

प्रेम से भूमंडल भी रवि ढिंग घूमताI

प्रेम से ही पीहू पीहू पपीहा पुकारे,

प्रेम से ही बदल गया है धरा का वृतI


उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के जिला संयोजक संजीव सार्थक ने अपनी रचना में सुनाया-

सदा से सोमरस पावन  व्यर्थ बदनाम करते हैंl

सुरा के संग जुड़े हुए काम अनजान करते हैंl

सार्थक प्रेम यह पावन करे देवता पान इसका,

सोम औषधि यह पावन है सभी गुणगान करते हैंl


पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कवि रामसेवक वर्मा ने अपनी रचना सुनते हुए कहा-

मुश्किल में पड़ गई है यह जिंदगी हमारी l

जहर घुल रहा है अब हवा में तुम्हारी,

सोचा कभी यह दिल में कैसे बचेगी दुनियाI

हर पल बदल रही है आब औ हवा हमारीl


श्रृंगार रस के कवि संजीव कुलश्रेष्ठ ने अपना गीत पढ़ते हुए सुनाया-

बीती बात बनी नहीं तो मन इतना मुरझाया क्योंI

संकेतो से समझ गए तो फिर खुद को झूठ लाया क्योंI


वरिष्ठ कवि अशोक मिश्रा अपने गीतों के माध्यम से श्रोताओं के समक्ष  रचना प्रस्तुत करते हुए सुनाया-

जिंदगी यह कुछ नहीं है शेष केवल गीत हैl

प्रेम ही केवल धरा पर शांति का संगीत हैl


कवियत्री श्रीमती रजनी त्रिपाठी ने अपना गीत पढ़ते हुए सुनाया-

बात एक मेरे लब पर आई है l

मैंने सबको नहीं बताई है l

जिसको मैंने वफाएं दी अपनी,

मुझसे की उसने बेवफाई है l


कवि टी0 एन0 कुलश्रेष्ठ ने अपना गीत सुनाते हुए कहा-

अक्षर अक्षर जोड़ जोड़कर सच को कहने वाले हैंl

गीत मेरे आंखों से आंसू बनकर बहाने वाले हैंl


शायराना कवि अफ़रीद ने अपनी गजल प्रस्तुति करते हुए सुनाया-

काम हमने यह भी अच्छा कर लिया I

जख्म अपना और ताजा कर लियाI

इश्क में हारे मगर रोए नहीं,

इश्क हमने फिर दोबारा कर लियाI

इस अवसर पर सेवानिवृत शिक्षक राजेंद्र प्रसाद सैनी,  आदित्य त्रिपाठी, उदयवीर कटियार, राम अवतार गुप्ता, विनोद गौतम, श्रीमती सोम शाह, श्रीमती सुमन गौतम, वीर सिंह, सुदर्शन लाल गौतम, गोपाल गुप्ता, कन्हैया गुप्ता आदि लोग मौजूद रहेl

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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