बीएसए ने प्रधानाध्यापिका भावना से स्पष्टीकरण तलब किया
लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने त्योहारी छुट्टियों के बाद शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को बीएसए ने रसूलाबाद एवं झींझक विकासखंड के कई स्कूलों का निरीक्षण किया।
- बीएसए ने कई स्कूलों का किया निरीक्षण, गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का शिक्षकों को दिया निर्देश
- प्राथमिक विद्यालय अचुरुपुरवा रसूलाबाद में शौचालय में भी ताला लगा मिला इस हेतु पूरे स्टाफ को चेतावनी दी गई।
अमन यात्रा, कानपुर देहात। लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने त्योहारी छुट्टियों के बाद शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को बीएसए ने रसूलाबाद एवं झींझक विकासखंड के कई स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने मातहतों को समय से स्कूल पहुंचकर बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने एवं कम्पोजिट ग्रांट से स्कूलों की सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए।
बीएसए ने दिनांक 14 मार्च 2023 को प्राथमिक विद्यालय अजयपुर झींझक , प्राथमिक विद्यालय बिरिया रसूलाबाद, प्राथमिक विद्यालय अचरूपुरवा रसूलाबाद, संविलियन विद्यालय गांवपुर झींझक, उच्च प्राथमिक विद्यालय आलमपुर खेड़ा रसूलाबाद का निरीक्षण किया जिसमें समस्त कायाकल्प के पैरामीटर को चेक किया गया एवं असंतृप्त पैरामीटर पर प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया कि तत्काल खंड शिक्षा अधिकारी एवं प्रधान से समन्वय स्थापित करते हुए अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराएं इन सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता औसत से कम पाई गई जिस हेतु सभी स्टाफ को निर्देशित किया गया कि शिक्षक संदर्शिका का प्रयोग करते हुए एवं प्रतिदिन शिक्षण योजना बनाते हुए, निपुण एसेसमेंट करते हुए बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में प्रगति लाने हेतु प्रयास करें।
कंपोजिट धनराशि का विवरण जानने पर पाया गया कि संविलियन विद्यालय गांवपुर झींझक क में 50000 की कंपोजिट धनराशि प्राप्त हुई है परंतु अभी तक कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है इस हेतु प्रधानाध्यापिका भावना से स्पष्टीकरण तलब किया गया और निर्देशित किया गया है कि आगामी 1 सप्ताह में विद्यालय का अपूर्ण कार्य पूर्ण करा लें। बता दें समग्र शिक्षा अभियान के तहत सभी परिषदीय स्कूलों को एकमुश्त कंपोजिट स्कूल ग्रांट प्रदान की गई है। अगर मार्च माह तक यह धनराशि उपयोग में नहीं लाई गई तो पुनः वापिस चली जाएगी। इस राशि का उपयोग सामान्य शैक्षिक, सह-शैक्षिक, भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति व स्कूल एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर खर्च करना है। कम्पोजिट ग्रांट का उपयोग ऑनलाइन माध्यम से ही किया जाना है।
शिक्षक इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय अचुरुपुरवा रसूलाबाद में इंचार्ज प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार और सहायक अध्यापक धीरेंद्र प्रताप सिंह मिले जहां बच्चों का नामांकन मात्र 19 मिला। विद्यालय के शौचालय में भी ताला लगा मिला इस हेतु पूरे स्टाफ को चेतावनी दी गई।कुछ स्कूलों में छात्र उपस्थिति अपेक्षाकृत कम पाए जाने पर अन्य अध्यापकों को निर्देशित किया गया कि विद्यालय का संचालन व विद्यालय पर अपनी उपस्थिति समय से सुनिश्चित करने के साथ-साथ अभिभावकों से संपर्क कर विद्यालयों में अधिक से अधिक नामांकन कराना सुनिश्चित करें।