कानपुर में और 59 जीका संक्रमित मिले, एयरफोर्स अफसरों से DM ने मांगी केरल-राजस्थान से आने वालों की लिस्ट
कानपुर में दिवाली के दिन फिर जीका वायरस का विस्फोट हुआ है। एक दिन में 59 संक्रमित मिले हैं। इसमें 23 महिलाएं हैं। इस तरह अब कानपुर में जीका वायरस पॉजिटिव केस की कुल संख्या 95 हो गई है।
कानपुर,अमन यात्रा : कानपुर में दिवाली के दिन फिर जीका वायरस का विस्फोट हुआ है। एक दिन में 59 संक्रमित मिले हैं। इसमें 23 महिलाएं हैं। इस तरह अब कानपुर में जीका वायरस पॉजिटिव केस की कुल संख्या 95 हो गई है। इससे पहले बुधवार को एक दिन में 25 केस मिले थे। इससे हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंता बढ़ गई है।
सभी मरीज एयरफोर्स स्टेशन एरिया के पास के ही हैं। जिलाधिकारी विशाखजी ने सीएमओ, एयरफोर्स अफसरों के साथ बैठक कर बचाव कार्य को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि केरल और राजस्थान के रास्ते जीका वायरस कानपुर पहुंचा है। एयरफोर्स अधिकारियों से डीएम ने पिछले एक महीने में जितने भी लोग केरल और राजस्थान आए या गए हैं। उनकी सूची जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के लिए कहा है। ताकि, वायरस के सही सोर्स का पता लगाया जा सके।
सीएमओ डॉक्टर नेपाल सिंह ने बताया कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है, हम इस पर रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। 300-400 सैंपल प्रतिदिन भेजे जा रहे हैं। 59 नए केस की रिपोर्ट आज सुबह ही आई है। इन सभी लोगों को घर घर जा कर आइसलेट करने के लिए टीमें भेजी जा रही है। इस बात की पुष्टि की जा रही है कि कहीं दो बार तो एक ही मरीज की रिपोर्ट नहीं भेज दी गयी है।
बैठक में 6 किमी के दायरे को बढ़ाने की बात भी उठी
कानपुर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन भी अलर्ट है। कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने भी डीएम विशाख, नगर आयुक्त शिवशरणप्पा और सीएमओ नेपाल सिंह के साथ बैठक की थी। अफसरों को सोर्स रिडक्शन के बारे में जानकारी लेते हुए साफ-सफाई स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी थी, साथ ही जांच के दायरे को बढ़ाने की बात भी की गई थी। जिसके बाद यह दायरा 6 किमी कर दिया गया था। लेकिन, बुधवार को हुई बैठक में एक बार फिर से विचार किया गया की इस दायरे को 8 से 10 किमी कर दिया जाए। अभी इस पर सीएमओ और डीएम की मुहर नहीं लगी है।
अस्पताल में बनाया गया है जीका का अलग वार्ड
पिछले दिनों शहर में मिले जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद प्रशासन के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया था। उसने काशीराम अस्पताल में 100 बेड जीका मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। साथ ही 50 बेड 7 एयरफोर्स अस्पताल में पहला मरीज मिलते ही बना रिजर्व कर दिए गए थे। इसके अलावा उर्सला और डफरिन में भी जीका वार्ड बनाए जाएंगे। हैलट में भी 100 बेड जीका वायरस मरीजों के लिए रख दिए गए है।
सोर्स को पता लगाने पर रहेगा पूरा फोकस
डीएम विशाख ने बैठक में कहा कि मरीजों के घर के आसपास 400 से 500 घरों को कंटेनमेंट क्षेत्र बनाया गया है। साथ ही एंटी लार्वा का लगातार छिड़काव किया जा रहा है, इसके अलावा रोजाना हजारों की संख्या में घरों का सर्वे किया जा रहा है। हो सकता है आने वाले दिनों में जीका पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढे, क्योंकि सोर्स को पता लगाने पर पूरा फोकस रहेगा।
90 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं
एयरफोर्स के आसपास के इलाकों में और खासतौर पर लाल बंगला में काफी सावधानी बरती जा रही है। पहले 75 टीमें इन इलाकों में काम कर रही थी लेकिन अब इसे बढ़ा कर 90 कर दिया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं यह टीमें सघन स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का काम किया जा रहा है। लोगों को अपने घरों में आसपास मच्छरों के सोर्स को खत्म करने की सलाह दी गई है।
अधिकारियों का कहना है कि मच्छरों की ब्रीडिंग का केंद्र बनता जा रहा है चकेरी इलाका।
रोकथाम करने के लिए मलेरिया विभाग की टीम बढ़ाई गई है। बुधवार को इलाके से 10 गर्भवती महिलाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे, अब तक यह संख्या 200 के पार पहुंच चुकी है। उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह भी दी गई है।
ऐसे बढ़ रहा संक्रमण
- 23 अक्टूबर को पहला रोगी मिला
- 30 अक्टूबर को तीन और रोगी मिले
- 31 अक्टूबर को छह रोगी मिले
- 3 नवंबर को 25 रोगी मिले
ये जानकारी भी अहम
- जीका वायरस डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज से फैलता है
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह अधिक खतरनाक है
- गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास नहीं होता
- इसकी मृत्यु दर कम बताई जाती है
- पहली बार वर्ष 1952 में यह अफ्रीका के जंगल में एक लंगूर में मिला
- साल 2007 में एशिया और वर्ष 2021 जुलाई में केरल और महाराष्ट्र में इसके केस मिले
- 60 % संक्रमितों में रोग के लक्षण नहीं मिलते
रोग के लक्षण
- हल्का बुखार
- शरीर में दाने और लाल चकत्ते
- सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- आंखों में लाली
- गुलेन बारी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी.
बचाव
- खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं
- शरीर को फुल आस्तीन के कपड़ों से ढंके रखें
- मच्छरों को घर के आसपास पनपने न दें
- गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर मच्छरों से बचाएं
- घर के टूटे बर्तन, टायर, कूलर में पानी भरा न रहने दें