फ्रेश न्यूजउत्तरप्रदेश

एम्स में अल्ट्रासाउंड बंद, बाहर भटक रहे मरीज- दो माह से र‍िक्‍त है रेडियोलाजिस्ट का पद

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। डाक्टर मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे रहे लेकिन वहां अल्ट्रासाउंड नही हो रहा है। इसलिए मरीजों के सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि इलाज कैसे हो।

गोरखपुर, अमन यात्रा । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। डाक्टर मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे रहे लेकिन वहां अल्ट्रासाउंड नही हो रहा है। इसलिए मरीजों के सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि इलाज कैसे हो।

बाहर शुल्क ज्यादा होने से दूसरे संस्थानों में इलाज कराने को मजबूर हो रहे मरीज

पिपराइच क्षेत्र के चिलबिलवा निवासी अखिलेश मौर्य को पेट में दर्द है। तीन दिन पहले उन्होंने एम्स के सर्जरी विभाग में दिखाया। डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए लिखा। जब वह काउंटर पर पैसा जमा करने गए तो बताया गया कि यहां अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। उन्हें मजबूरी में बाहर जाकर आठ सौ रुपये में अल्ट्रासाउंड कराना पड़ा। जबकि में एम्स में इसका शुल्क 255 व 323 रुपये है। झरना टोला दरगहिया निवासी प्रियंका ने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एक सप्ताह पूर्व डाक्टर को दिखाया। डाक्टर ने उन्हें अल्ट्रासाउंड कराकर आने का परामर्श दिया। काउंटर पर उनसे भी कहा गया कि बाहर करा लीजिए। बाहर जब उन्होंने सुना कि 1400 सौ रुपये शुल्क है तो वह महिला अस्पताल चली गईं। वहीं अपना अल्ट्रासाउंड कराकर इलाज करा रही हैं।

रेडियोलाजिस्ट के नौकरी छोडऩे के बाद 21 अगस्त से बंद है अल्ट्रासाउंड

एम्स पहुंच रहे मरीजों के सामने अल्ट्रासाउंड का संकट खड़ा हो गया है। रेडियोलाजी विभाग में एक सीनियर रेजीडेंट डा. पवन तैनात थे। 21 अगस्त को उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद मरीजों का अल्ट्रासाउंड बंद हो गया है। इसके लिए उन्हें बाहर भटकना पड़ रहा है। लगभग ढाई साल पहले ओपीडी शुरू होने के साथ ही एम्स में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे व खून की जांच शुरू हुई थी। हालांकि जब अल्ट्रासाउंड हो रहा था तब भी एक-एक माह बाद मरीजों का नंबर आ रहा था। काउंटर पर पर्चा बनाने के बाद कर्मचारी एक माह बाद की तिथि हाथ से लिखते थे। इसलिए गंभीर मरीजों को मजबूरी में दूसरे अस्पताल जाना पड़ता था।

बाहर अल्ट्रासाउंड कई गुना महंगा

एम्स में 255 व 323 रुपये में अल्ट्रासाउंड हो जाता है। जबकि बाहर रेडियोलाजिस्ट सेंटरों पर कराने के लिए मरीजों को 800 से 1400 रुपये तक देने पड़ते हैं। इसलिए मरीज अब जिला अस्पताल व मेडकल कालेज में इलाज कराने के लिए जा रहे हैं।

रेडियोलाजिस्ट के बिना हो रहा एक्सरे

रेडियोलाजिस्ट के न होने से अल्ट्रासाउंड तो बंद है लेकिन एक्सरे किया जा रहा है। टेक्नीशियन ही एक्सरे करता है और वही रिपोर्ट भी जारी कर रहा है। जबकि रेडियोलाजिस्ट का होना जरूरी है। बिना रेडियोलाजिस्ट के न तो अल्ट्रासाउंड हो सकता है और न ही एक्सरे।

127 डाक्टरों का साक्षात्कार अभी जल्दी ही किया गया है। इसमें रेडियोलाजिस्ट भी हैं। शीघ्र ही उनकी नियुक्ति हो जाएगी। इसके बाद अल्ट्रासाउंड शुरू कर दिया जाएगा। एक्सरे टेक्नीशियन कर रहे हैं। वह पूरी तरह प्रशिक्षित हैं, इसलिए कोई दिक्कत नहीं है। – डा. शशांक शेखर, मीडिया प्रभारी, एम्स।

aman yatra
Author: aman yatra


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading