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गणित में बेहतर, भाषा में कमजोर हैं सूबे के परिषदीय स्कूलों के बच्चे

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे भाषा के मामले में भले ही राष्ट्रीय औसत से नीचे हों पर गणित में उनका प्रदर्शन बेहतर है। राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। यह अध्ययन देश के 5917 विकासखंडों के तीन लाख स्कूलों में पढ़ने वाले 80 लाख बच्चों पर किया गया है।

Story Highlights
  • राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन-देश के 5917 विकासखंडों के तीन लाख स्कूलों में पढ़ने वाले 80 लाख बच्चों पर किया गया अध्ययन

लखनऊ/कानपुर देहात। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे भाषा के मामले में भले ही राष्ट्रीय औसत से नीचे हों पर गणित में उनका प्रदर्शन बेहतर है। राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। यह अध्ययन देश के 5917 विकासखंडों के तीन लाख स्कूलों में पढ़ने वाले 80 लाख बच्चों पर किया गया है। भाषा में अंग्रेजी व मातृभाषा को शामिल किया गया जिसमें मुख्य रूप से भाषा सुनने, शब्दों की पहचान और पढ़ने की क्षमता का आकलन किया गया। इसमें देखा गया कि राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रदेश के बच्चों का प्रदर्शन कमजोर रहा। राष्ट्रीय स्तर पर सुनने में औसत नंबर 65, शब्द पहचान में 86 और पढ़ने की क्षमता में 59 अंक मिले। वहीं प्रदेश के मामले में क्रमशः 67, 84 और 58 अंक मिले। वहीं गणित के मामले में स्थिति अलग थी। राष्ट्रीय स्तर का औसत 66 नंबर रहा वहीं प्रदेश के बच्चों ने इसमें कुल 68 अंक हासिल किए। गणित के भाग में जोड़ना, घटाना, भाग, गुणा, प्लेस वैल्यू, माप, ज्यामिती, मुद्रा, डाटा हैडलिंग और पैटर्न को शामिल किया गया।

भाषा में ग्रामीण से बेहतर हैं शहरी बच्चे रिपोर्ट

ग्रामीण और शहरी आधार पर भी रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें देखा गया कि भाषा के मामले में राष्ट्रीय औसत से पिछड़ने की वजह ग्रामीण बच्चे रहे। शहरी बच्चों का प्रदर्शन भाषा में राष्ट्रीय स्तर से अच्छा था। वहीं गणित में ग्रामीण और शहरी दोनों बच्चों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर था।

एसटी वर्ग के बच्चों का प्रदर्शन सबसे खराब

रिपोर्ट को सामाजिक समूह के आधार पर भी बांटा गया है। सामान्य तौर पर भाषा के मामले में सभी सामाजिक वर्ग के बच्चों का प्रदर्शन भाषा में राष्ट्रीय स्तर से कमजोर और गणित में राष्ट्रीय स्तर से बेहतर था हालांकि उत्तर प्रदेश में जब इन सामाजिक समूह की आपस में तुलना की गई तो सबसे खराब प्रदर्शन एसटी वर्ग के बच्चों का था। इसके बाद एससी फिर ओबीसी और सबसे बेहतर प्रदर्शन अन्य सामाजिक समूह का था।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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