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विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान हेतु दिशानिर्देश

जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने अक्टूबर 2024 में प्रस्तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण और त्वरित उपचार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।

उरई : जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने अक्टूबर 2024 में प्रस्तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण और त्वरित उपचार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।

विगत वर्षों की भांति, वर्ष 2024 में भी संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के तृतीय चरण की गतिविधियाँ विस्तृत कार्ययोजना बनाकर अक्टूबर 2024 में संपादित की जाएंगी। चिकित्सा अनुभाग-5, उ०प्र० शासन के शासनादेश दिनांक 17.09.2024 के अनुसार संचारी रोग नियंत्रण अभियान 01 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक और दस्तक अभियान 11 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक संपादित किया जाएगा।

शासनादेश दिनांक 17.09.2024 में स्थानीय निकायों पर संवेदीकरण बैठकें निर्धारित की गई हैं:

  • नगर निगम: 24.09.2024
  • नगर पालिका परिषद: 25.09.2024
  • नगर पंचायत: 26.09.2024

इसके अतिरिक्त, नगर विकास विभाग के कार्य एवं दायित्व के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि स्थानीय निकायों पर संवेदीकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही कराते हुए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाएगा:

  1. स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संवेदीकरण: नगरीय निकायों के अधिकारियों एवं कर्मियों का दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जलजनित रोगों की रोकथाम तथा साफ-सफाई के सम्बन्ध में संवेदीकरण।
  2. मोहल्ला निगरानी समितियाँ: नगरीय क्षेत्र में मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से निरंतर जागरूकता स्थापित रखना।
  3. फॉगिंग: शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग करवाना।
  4. हाई रिस्क क्षेत्रों में सघन वेक्टर नियंत्रण: स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित स्थानों पर सघन वेक्टर नियंत्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियाँ संपादित कराना।
  5. स्वच्छता अभियान: वातावरणीय तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के उपाय, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान संचालित करना।
  6. नालियों की सफाई: खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था, नालियों/कचरों की सफाई करवाना।
  7. हैण्डपम्पों का चिन्हांकन: उथले हैण्डपम्पों का प्रयोग रोकने के लिये उन्हें लाल रंग से चिन्हित करना।
  8. शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता का अनुश्रवण: बैक्टीरियोलॉजिकल/वायरोलॉजिकल जाँच।
  9. जल भराव रोकने के उपाय: सड़कों तथा पेवमेन्ट का निर्माण करना, सड़कों के किनारे उगी वनस्पतियों को नियमित रूप से हटाना।
  10. संवेदनशील क्षेत्रों में ODF: संवेदनशील क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त (ODF) करना।

रिपोर्टिंग: नगरीय निकायों के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान के दौरान किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रतिदिन निदेशक, स्थानीय निकाय निदेशालय, उ०प्र० लखनऊ को उपलब्ध कराएंगे। निदेशक, स्थानीय निकाय निदेशालय, उ०प्र० लखनऊ साप्ताहिक एवं अभियान समाप्ति पर उक्त रिपोर्ट को संकलित कर संचारी रोग इकाई, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को मेल आई०डी० idspup@gmail.com एवं aesjestate@gmail.com पर तथा शासन को उपलब्ध कराएंगे।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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