सियासी पाला बदला: कानपुर देहात में कांग्रेस को झटका, पूर्व मंत्री के पुत्र इंदर सिंह पाल ने थामा बसपा का हाथ
कानपुर देहात की राजनीति में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने हलचल मचा दी। पूर्व विधायक और मंत्री स्वर्गीय मथुरा प्रसाद पाल के पुत्र, कैप्टन इंदर सिंह पाल ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने का फैसला किया है।

- मायावती की शरण में इंदर सिंह, पिछड़े वोट बैंक पर बसपा की नजर, कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका
कानपुर देहात की राजनीति में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने हलचल मचा दी। पूर्व विधायक और मंत्री स्वर्गीय मथुरा प्रसाद पाल के पुत्र, कैप्टन इंदर सिंह पाल ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने का फैसला किया है। 22 अप्रैल को नई दिल्ली में बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में, इंदर सिंह पाल ने विधिवत रूप से बसपा की सदस्यता ग्रहण की और मायावती का आशीर्वाद प्राप्त किया।
बसपा द्वारा पिछड़े वर्ग में अपने जनाधार को मजबूत करने के प्रयासों के तहत, इंदर सिंह पाल का पार्टी में शामिल होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। पार्टी नेताओं का मानना है कि पाल के आने से पिछड़े वर्ग के मतदाताओं में बसपा के प्रति विश्वास बढ़ेगा और पार्टी को मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर, पूर्व एमएलसी नौशाद अली, कानपुर मंडल के मुख्य मंडल प्रभारी सूरज सिंह जाटव और जितेंद्र संखवार, जिला संयोजक भाईचारा उदय पाल, कानपुर नगर के जिला संयोजक भाईचारा रामशंकर कुरील, जिलाध्यक्ष कुलदीप एडवोकेट, पूर्व महापौर प्रत्याशी रामनारायण निषाद, विधानसभा प्रभारी अखिलेश पाल, पूर्व विधानसभा प्रभारी भोगनीपुर धर्मेंद्र सचान, और शाहजहांपुर से शालिनी गौतम सहित बसपा के कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।
इंदर सिंह पाल के बसपा में शामिल होने से कानपुर देहात की राजनीतिक समीकरणों में बदलाव आने की संभावना है। बसपा अब पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत लगाएगी, और इस कदम से कांग्रेस को एक तगड़ा झटका लगा है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक बदलाव का क्षेत्र की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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