आरटीई प्रवेश में अभिभावक अब नहीं कर पाएंगे धांधली
आरटीई दाखिले में एक छात्र के नाम पर नहीं हो सकेंगे तीन-चार आवेदन, आवेदन के लिए आधार हुआ अनिवार्य

कानपुर देहात। आरटीई के तहत अलाभित और दुर्बल वर्ग के बच्चों के निजी स्कूलों में नि:शुल्क दाखिले के लिए होने वाले आवेदन में इस साल से खेल नहीं हो सकेगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से आठ सितंबर को जारी संशोधित गाइडलाइन में आवेदन के लिए आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है। लॉटरी के माध्यम से होने वाले प्रवेश का लाभ लेने के लिए पिछले सालों में कई अभिभावक बच्चे के नाम पर तीन-चार ऑनलाइन आवेदन कर देते थे।
इससे दूसरे जरूरतमंद बच्चों का हक मारा जाता था। संशोधित गाइडलाइन के अनुसार आवेदन पत्र में अभिभावक (माता-पिता) अपना एवं बच्चे का आधार कार्ड नंबर अंकित करेंगे जिसके सत्यापन के बाद वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आधार लिंक बैंक खाते का विवरण प्रदर्शित होगा। अभिभावक को प्रदर्शित बैंक खातों में से किसी एक का चयन करना होगा। बच्चों को किताब, वर्कबुक और यूनिफार्म आदि के लिए हर साल मिलने वाली पांच हजार की सहायता राशि इसी खाते में भेजी जाएगी। बच्चों के प्रवेश के लिए वार्षिक लक्ष्य का निर्धारण जिले में संचालित सभी गैर सहायतित निजी विद्यालयों की कक्षा एक अथवा पूर्व प्राथमिक की कुल क्षमता के योग का 25 प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा।
आवेदन का होगा द्विस्तरीय सत्यापन-
नि:शुल्क दाखिले के लिए प्राप्त आवेदनों का ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से द्विस्तरीय सत्यापन किया जाएगा। सबसे पहले खंड शिक्षा अधिकारी और फिर बीएसए अपने लॉगिन से सत्यापन करेंगे। यही नहीं आवेदनों में संलग्न प्रमाण पत्रों को संबंधित विभाग से ऑनलाइन माध्यम से सत्यापित किया जाएगा। संबंधित विभाग यदि प्रमाण पत्रों को अस्वीकार करते हैं तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
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