कविता

नेता भईया

कागज की नाव आप चलाएंगे कब तक जनता को पागल बनायेंगे कब तक। कहते हैं हर आंख के आंसू पोंछ…

3 years ago

मै कौन हूँ

इस जहां में मैं खुद को तलाशता  रहा.... मैं कौन हूं... क्या है मेरा वजूद....? बस खुद से किए सवाल…

3 years ago

मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं ??

मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं ?? मैं! पूछना चाहती हूं इस समाज धर्म के ठेकेदारों से आखिर!…

3 years ago

परंपरा की परंपरा का परम्पराओं से बड़ा पुराना नाता, वर्तमान का नवयुवक नहीं इसे निभाता

आज भी परंपराओं को निभाने की परंपरा जिंदा है। पैदा होने से लेकर मरने तक यहां आदमी परंपराओं को निभाता…

3 years ago

दोस्त तेरे बिना मैं किधर जाऊंगा

दोस्त तेरे बिना मैं किधर जाऊंगा टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा। जिंदगी दर्द बन जाएगी कोई खुशी मेरे पास रह ना…

3 years ago

मेहनत करते है हम तो कमाने खाने वाले हैं। सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं।

मेहनत करते है हम तो कमाने खाने वाले हैं। सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं। मेहनत से सब कुछ…

3 years ago

दिया और बाती

एक बार की बात है, सुनो रे मेरे साथी..         एक छोटी सी बात पर लड़ गए …

3 years ago

छोड़ दूँ क्या…..?

मिली असफलताएँ, हौसला तोड़ दूँ क्या? बहती उल्टी धारा, तैरना छोड़ दूँ क्या? नहीं होती हार, जो करता कोशिश बारम्बार, आख़िर चींटी चढ़ जाती लेकर भार, जूझना छोड़ दूँ क्या? मिली चुनौतियाँ, सपने तोड़ दूँ क्या? अब आ गए मझधार, रास्ता मोड़ दूँ क्या? मिली उसे मंज़िल, जिसने गिने मील के पत्थर हज़ार, आख़िर कछुआ कर गया पाला पार, चलना छोड़ दूँ क्या? मिली ज़िम्मेदारियाँ, नज़रें मोड़ दूँ क्या? बढ़ने लगा बोझ,…

3 years ago

न जाने क्यों लगता हूँ….?

मिलता-जुलता हज़ारों से,  पराया सा लगता हूँ। होती पूरी सारी ख्वाहिशें, मायूस सा लगता हूँ। देखूँ सपने जब अपनों के…

3 years ago

।। सहज स्वभाव ।

।। सहज स्वभाव । सरल स्वभाव का होना चार चांद लगाना हैं व्यक्तित्व में । कोयले की खान में कोहिनूर…

3 years ago

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