इस जहां में मैं खुद को तलाशता रहा.... मैं कौन हूं... क्या है मेरा वजूद....? बस खुद से किए सवाल…
मासिक धर्म के नाम पर ये आडंबर क्यूं ?? मैं! पूछना चाहती हूं इस समाज धर्म के ठेकेदारों से आखिर!…
आज भी परंपराओं को निभाने की परंपरा जिंदा है। पैदा होने से लेकर मरने तक यहां आदमी परंपराओं को निभाता…
दोस्त तेरे बिना मैं किधर जाऊंगा टूट जाऊंगा बिखर जाऊंगा। जिंदगी दर्द बन जाएगी कोई खुशी मेरे पास रह ना…
मेहनत करते है हम तो कमाने खाने वाले हैं। सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं। मेहनत से सब कुछ…
मिली असफलताएँ, हौसला तोड़ दूँ क्या? बहती उल्टी धारा, तैरना छोड़ दूँ क्या? नहीं होती हार, जो करता कोशिश बारम्बार, आख़िर चींटी चढ़ जाती लेकर भार, जूझना छोड़ दूँ क्या? मिली चुनौतियाँ, सपने तोड़ दूँ क्या? अब आ गए मझधार, रास्ता मोड़ दूँ क्या? मिली उसे मंज़िल, जिसने गिने मील के पत्थर हज़ार, आख़िर कछुआ कर गया पाला पार, चलना छोड़ दूँ क्या? मिली ज़िम्मेदारियाँ, नज़रें मोड़ दूँ क्या? बढ़ने लगा बोझ,…
मिलता-जुलता हज़ारों से, पराया सा लगता हूँ। होती पूरी सारी ख्वाहिशें, मायूस सा लगता हूँ। देखूँ सपने जब अपनों के…
।। सहज स्वभाव । सरल स्वभाव का होना चार चांद लगाना हैं व्यक्तित्व में । कोयले की खान में कोहिनूर…
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