नजरें चुरा के जमाने से तुम मिलने आना किसी बहाने से तुम। लोग खड़ी करेंगे दीवार उठाएंगे उंगलियां बेशुमार। जिनको…
थोड़ी देर ठहर जाऊं पीपल की छांव में दूर से चल के आया हूं तेरे गांव में। ना भूंख देखी…
साथ रहने वाला इतनी जल्दी बदलेगा। किसे पता था दोस्त दुश्मन निकलेगा।फूलों को हटाने लगे,मेरे रास्ते में कांटों को बिछाने…
काले बादलों को देख के मन डर गया है। मैं हूं अकेली,पिया शहर गया है। तड़पती हूं तड़पाता है ये…
लिखकर खत मैं भेज रही हूं, मां को भी ये दे देना। जी न सकूं मैं अधिक दिनों तक, सुध…
अच्छे हैं इस देश के बच्चे। सुन्दर प्यारे छोटे सच्चे।। रोज सुबह विद्यालय जाते,…
क्यों भारत में जलती रहती, सदा सुहागिन नारी है। जन मानस क्यों बेसुध रहता, यह कैसी लाचारी है।। पुत्र…
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