स्नेहा कृति (रचनाकार)
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कविता
।।जायज बनाम नाजायज संबंध ।।
।।जायज बनाम नाजायज संबंध ।। # दौर बदले,ढंग बदले जीवन जीने की शैली भी बदली। कहां,हम एक मानसिक रूप से …
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कविता
।। सपने का राजकुमार ।।
।। सपने का राजकुमार ।। बड़ी चाहत थी मेरी मिलने की ख्वाबों के राजकुंवर से । सुना था दादी,…
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कविता
।। नीर की बूंद बूंद हैं कीमती ।।
।। नीर की बूंद बूंद हैं कीमती ।। जल बिन जीवन हैं शून्य एक प्यासा,एक तलबगार ही समझेगा इस…
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कविता
।। नारी के नाम का अस्तित्व आखिर! क्यूं हैं गुमनाम ।।
।। नारी के नाम का अस्तित्व आखिर! क्यूं हैं गुमनाम ।। नारी जन्म से ही अपने नाम से क्यूं नही…
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उत्तरप्रदेश
तेज़ाब के दंश
।। तेज़ाब के दंश की मारी नारी ।। # तेज़ाब की तपन से क्यूं अक्सर,झुलसाई जाती हैं नारियां । क्यूं,…
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