।। सपने का राजकुमार ।।
बड़ी चाहत थी मेरी
मिलने की ख्वाबों के राजकुंवर से ।
सुना था दादी, नानी से किस्से कहानियों में
उस, राजकुंवर के तारीफों की अनगिनत कड़ियों के बारे में ।
होगा वो ऐसा,
होगा वो वैसा
बड़ा ही सुंदर,बड़ा ही शालीन
सभ्य, सुसंस्कृत और बेमिसाल रूप वाला ।।
बड़ी चाहत थी मेरी दीदार की
ख्वाबों के राजकुंवर की,
सुना था,
सुन रखा था,
आता हैं वो मिलने भी ख्वाबों में
सवार हो श्वेत अश्व की पीठ पर ।
वो,
कैसा होगा वो कौन होगा
ये, अनेकों प्रश्न बाधित करते
बहती मन की धारा ।।
बड़ी चाहत थी मेरी मिलने की
ख़्वाब के राजकंवर से ।।
बड़ी चाहत थी मेरी दीदार की
ख्वाबों के राजकंवर की ।।
स्नेहा कृति(रचनाकार,पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)कानपुर यूपी