poetry
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कविता
जीवन स्वयं गढ़ेंगी हम : प्रमोद दीक्षित “मलय”
आसमान में उड़ने का कौशल है आजादी दो। गिरि-शिखर झुकाने का साहस बल है आजादी दो। मां पोषण-प्यार, दुलार हमें…
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आसमान में उड़ने का कौशल है आजादी दो। गिरि-शिखर झुकाने का साहस बल है आजादी दो। मां पोषण-प्यार, दुलार हमें…
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