आँखों की रोशनी छीन सकता है मोबाइल
आधुनिकता के समय में मोबाइल फोन एक बहुत ही जरूरी वस्तु बन गया है।

आधुनिकता के समय में मोबाइल फोन एक बहुत ही जरूरी वस्तु बन गया है। मोबाइल के बिना जीवन सूना-सूना सा लगता है। मोबाइल जहां हमारी अहम जरूरत की वस्तु बन गया है वहीं मोबाइल फोन हमारा मनोरंजन और ज्ञान का साधन भी है परंतु इन सबके बावजूद भी मोबाइल फोन को हमें अपने से अधिकांशत: दूर रखना चाहिए क्योंकि मोबाइल का अधिक प्रयोग करने से हमारी आंखों और दिमाग पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
मोबाइल फोन से कुछ हानिकारक किरणें भी निकलती हैं जोकि हमारी आँखों, हार्ट और माइंड पर बुरा प्रभाव डालती हैं। लगातार स्क्रीन देखने से आँखें झपकने की दर घट जाती है जिससे आँखों में सूखापन, थकान और धुंधली दृष्टि जैसी समस्याएं होती हैं। इससे डिजिटल आई स्ट्रेन या स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम भी हो सकता है। यह सब बातें मुझे तब पता चली जब मेरे स्कूल में मेडिकल कैंप लगा और मेरी आंखों की जांच की गई। डॉक्टर जी ने क्लास रूम में सभी बच्चों को समझाया कि आप लोगों को धुंधला दिखाई देने की समस्या कैसे उत्पन्न होती है? उन्होंने बताया कि कम उम्र में ही जो बच्चे टीवी और मोबाइल पर अपना ज्यादा वक्त बिताते हैं, धीरे-धीरे उनके दिमाग का विकास रुकने लगता है और उनकी आंखें भी कमजोर होने लगती हैं।
आप सभी को टीवी और मोबाइल का ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए। डॉक्टर जी की बात मुझे समझ आ गई क्योंकि मेरी मैंम ब्लैक बोर्ड में जब कुछ भी लिखती थीं तो वह मुझे स्पष्ट दिखाई नहीं देता था। डॉक्टर जी ने जब मेरी आंखें चेक की तो मुझे चश्मा लगाने की सलाह दी और सिर्फ काम के लिए ही मोबाइल का उपयोग करने की सलाह दी। अब मैं मोबाइल चलाने की मम्मी से जिद भी नहीं करती हूँ क्योंकि अब यह मैं भलीभाँति समझ गई हूँ कि मोबाइल का अत्यधिक उपयोग शारीरिक और मानसिक रूप से हानिकारक है। दोस्तों जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल कई समस्याओं की वजह बन सकता है। मोबाइल का उपयोग कम करें और मोबाइल के बजाय अन्य गतिविधियों में समय बिताएं।
आज्ञा कटियार
कक्षा- 4
यूपी किराना सेवा समिति बालिका विद्यालय, तात्याटोपेनगर कानपुर
मो. 7268868788
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