खंड शिक्षा अधिकारी पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का लगा आरोप, शिक्षक संघ ने कार्यवाही को लेकर सीडीओ को दिया ज्ञापन
हमेशा विवादों में रहने वाले विकासखंड मालासा के खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार गुप्ता को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बीईओ पर अवैध वसूली करने के साथ ही अशोभनीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीईओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर बुधवार को डीएम कार्यालय पर हंगामा काटा।
- शिक्षिकाओं से करते हैं अशोभनीय भाषा का प्रयोग हर काम में करते हैं धन उगाही
कानपुर देहात। हमेशा विवादों में रहने वाले विकासखंड मालासा के खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार गुप्ता को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बीईओ पर अवैध वसूली करने के साथ ही अशोभनीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीईओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर बुधवार को डीएम कार्यालय पर हंगामा काटा। इसके बाद सीडीओ को ज्ञापन सौंपकर जांच कराकर कार्यवाही की मांग की है।
मलासा विकासखंड के तमाम शिक्षक शिक्षिकाओं ने एबीएसए पर अवैध वसूली मानसिक प्रताड़ना और अमर्यादित भाषा का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं महिला शिक्षिकाओं का आरोप है कि एबीएसए साहब अपने आफिस मे बैठते ही नहीं हैं और जांच के नाम पर घर बुलाते है शिक्षक शिक्षिकाओ ने मुख्य विकास अधिकारी से एबीएसए को हटाने की मांग कि है। वही मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया है वहीं एबीएसए ने अपने ऊपर लगे सारे आरोप बेबुनियाद बताए हैं।
इंद्रजीत सिंह अध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि जनपद के मलासा ब्लॉक के अधिकांश शिक्षक शिक्षिकाएं एबीएसए संजय कुमार गुप्ता की तानाशही से परेशान हैं। उनका कहना है कि एबीएसए संजय कुमार गुप्ता खुद को हुकमरान समझते हैं और शिक्षक शिक्षिकाओ को अपना मुलाजिम। एबीएसए संजय गुप्ता जब भी जबान खोलता हैं तो अमर्यादित भाषा ही निकलती है। निरीक्षण मे शिक्षक शिक्षिकाओ और शिक्षामित्रों को जेल भेज दूंगा और तुम लोग मेरे चपरासी हो जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं और निरीक्षण के नाम पर वसूली करना उनका दाए हाथ का काम है। शिक्षकों द्वारा मानव संपदा पोर्टल पर छुट्टी के लिए किए गए आवेदन को अकारण निरस्त करना व प्रतिकर अवकाश को समय पर नहीं देना, बाल्य देखभाल अवकाश, चिकित्सकीय अवकाश, प्रसव अवकाश, एरियर, चयन वेतनमान सभी स्वीकृति हेतु अग्रसारित करने करने में सुविधा शुल्क लेना, शिक्षक-शिक्षिकाओं से अभद्र एवं अशोभनीय भाषा शैली में बात करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप ये भी है कि महिला शिक्षकों को जांच के लिए एबीएसए अपने घर बुलाते हैं क्योंकि मुख्यालय का अतिरिक्त चार्ज होने कि वजह से मलासा के कार्यालय वो जाते ही नहीं हैं। पूनम सचान महामंत्री उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि मलासा विकासखंड के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं एबीएसए संजय गुप्ता की प्रताड़ना से तंग आकर मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय आए हैं और मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की है।
वहीं मुख्य विकास अधिकारी एन लक्ष्मी ने उक्त प्रकरण की जांच बीएसए कानपुर देहात को सौंपी है और शिक्षक संघ से जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है लेकिन सवाल ये उठता है कि शिक्षक शिक्षिकाओं ने सर्वप्रथम एबीएसए संजय गुप्ता की शिकायत बीएसए से ही की थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई और सीडीओ ने फिर जांच बीएसए को ही दे दीं जबकि सीडीओ को दूसरे विभाग के अधिकारी से जांच करवाई जानी चाहिए थी तब पता लगता कि एबीएसए संजय गुप्ता दोषी हैं कि नहीं फिलहाल कुछ दिन इंतजार के बाद तस्वीर साफ हो जायेगी।